रितेश कुमार/समस्तीपुर. प्याज तो सभी खाते हैं और हर तरह की सब्जी बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज के साथ-साथ इसके पत्ते और डंठल का भी बखूबी इस्तेमाल किया जाता है. वह भी शानदार और हर किसी की जीभ ललचाने वाला डिश. यही कारण है कि बिहार की सब्जी मंडी और दुकानों पर पत्तियों वाला प्याज भी बिकने लगा है.जहां प्याज की कीमत 60 रुपए किलो है, तो वहीं साग वाला प्याज 22 से 23 रुपए किलो बिक रहा है. इससे लोगों को राहत तो मिल ही रही है, डिश भी स्वादिष्ट बन जाता है.
सितंबर से शुरू होती है प्याज की खेती
समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड अंतर्गत सरैया गाऊपुर के किसान 9 कट्ठा में प्याज की खेती कर बेहतर उत्पादन कर रहे हैं. किसान महावीर महतो ने बताया कि प्याज की खेती सितंबर माह में शुरू की जाती है. जो दिसंबर से तैयार होने लगती है.
हालांकि बिहार में साग लगे हुए प्याज की भी खूब डिमांड होती है. कारण यह कि प्याज के साग की कचरी भी खूब टेस्टी होती है. इसके अलावाबाहर से आने वाले प्याज और यहां उगने वाले प्याज के स्वाद में भी काफी फर्क होता है. साथ ही प्याज का पत्ता भी प्याज का काम करता है. इसके साथ ही पत्ता का इस्तेमाल कचरी या पकौड़ा बनाने में भी लोग करते हैं.
5 क्विंटल प्रति कट्ठा होता है उत्पादन
किसान महावीर महतो ने बताया कि इस क्षेत्र में अलग-अलग तरह की सब्जी समेत कई फसलों की खेती की जाती है. लेकिन प्याज की खेती ना के बराबर होती है. कुछ समय पहले हम दूसरे जगह गए थे. वहां प्याज की खेती को देख इसके लाभ-हानि के बारे जानकारी इकट्ठा की और अगले सीजन में 9 कट्ठा में प्याज की खेती शुरू की.
उन्होंने बताया कि प्याज की खेती में15 से 1600 रुपए प्रति कट्ठा का खर्च आया. फसल भी अच्छा हुआ है. वे बताते हैं कि बाजार में इन दिनों प्याज महंगा हो जाता है. उनके प्याज का बाजार रेट22 से 23 रुपए प्रति मिल जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रति कट्ठा करीब 5 क्विंटल उपज होता है. इस तरह से9 कट्ठा से 45 से 50 क्विंटल पैदावार होगा. प्याज से एक सीजन में एक सवा लाख का मुनाफा हो जाता है.
ऐसे बनता है प्याज का पकौड़ा
गृहणी अर्चना वत्स बताती हैं कि प्याज के साग का पकौड़ा और प्याज का पकौड़ा या कचड़ी बनाने का तरीका एक जैसा ही है. इसमें सबसे पहले प्याज को डंठल सहित पानी से अच्छे से धो लेते हैं. इसके बाद पत्ता और डंठल सहित प्याज को बारीक काट लेते हैं. फिर इसके साथ लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, जीरा और स्वाद के अनुसार नमक को चना या मटर के बेसन में अच्छे से मिला लेते हैं. ज्यादा करारे बनाने के लिए आप इसमें थोड़ा सा पीसा हुआ अरवा चावल का आटा भी मिला सकते हैं. इसके बाद इसे सरसो तेल या रिफाइन में तल लेते हैं. फिर इसे आप धनिया की चटनी या सॉस के साथ मजे लेकर खा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 14:22 IST