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भारत की ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान द्वारा जारी एक वीडियो में यह दावा किए जाने के बाद कि प्रदर्शन की इजाजत भाजपा के दो नेताओं ने दिलाई थी। इस दावे के बाद पहवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट और साक्षी मलिक बीच ट्विटर पर ही बयानों का दंगल छिड़ गया है। साक्षी और सत्यव्रत के दावे पर अपनी सफाई देते हुए भाजपा नेता और अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फोगाट ने पलटवार किया है। उन्होंने पहलवानों पर कांग्रेस के हाथों की कठपुतली बनकर उनके इशारे पर आंदोलन करने का आरोप लगाया। वहीं, साक्षी ने बबीता फोगाट के आरोपों का जवाब देते हुए आरोपों को तंज कसना बताया है।
साक्षी मलिक और सत्यव्रत कादियान ने शनिवार को ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर बड़ा सनसनीखेज दावा करते हुए कहा था कि ‘मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और पुलिस से इजाजत भाजपा के दो नेताओं ने ली थी। इस दौरान साक्षी मलिक ने अपने मोबाइल फोन पर प्रदर्शन की इजाजत मांगने वाला एक पत्र भी दिखाया। उन्होंने कहा कि यह पत्र पूर्व पहलवान बबीता फोगाट और तीरथ राणा ने लिखा था जो भाजपा से जुड़े हैं। सत्यव्रत कादियान ने 11 मिनट के लंबे वीडियो के अंत में कहा, ”जब हम एकजुट नहीं होते हैं तो तंत्र फायदा उठाता है। अगर आप किसी भी तरह के अन्याय का सामना कर रहे हैं तो अपनी आवाज उठाएं और एकजुट रहें।”
BJP के दो नेताओं ने ली थी प्रदर्शन की इजाजत, साक्षी के पति का दावा
इसके बाद अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फोगाट ने रविवार को साक्षी मलिक के वीडियो पर जवाब देते हुए कहा, ”एक कहावत है कि जिंदगी भर के लिए आपके माथे पर कलंक की निशानी पड़ जाए। बात ऐसी ना कहो दोस्त की कह के फिर छिपानी पड़ जाए। मुझे कल बड़ा दुःख भी हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उनके पतिदेव का वीडिओ देख रही थी, सबसे पहले तो मैं ये स्पष्ट कर दूं कि जो अनुमति का कागज छोटी बहन दिखा रही थीं, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरी सहमती का कोई प्रमाण नहीं है और ना ही दूर-दूर तक इससे मेरा कोई लेना देना है। मैं पहले दिन से कहती रही हूं कि माननीय प्रधानमंत्री जी पर एवं देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास रखिए, सत्य अवश्य सामने आएगा। एक महिला खिलाड़ी होने के नाते मैं सदैव देश के सभी खिलाड़ियों के साथ थी, साथ हूं और सदैव साथ रहूंगी, परंतु मैं धरना -प्रदर्शन की शुरुआत से इस चीज के पक्ष में नहीं थीं। मैंने बार-बार सभी पहलवानों से ये कहा कि आप माननीय प्रधानमंत्री या गृहमंत्री जी से मिलो समाधान वहीं से होगा, लेकिन आपको समाधान दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और प्रियंका गांधी व उसके साथ आ रहे उन लोगों द्वारा दिख रहा था जो खुद बलात्कारी एवं अन्य मुकदमे के दोषी हैं लेकिन देश की जनता अब इन विपक्ष के चेहरों को पहचान चुकी है। अब देश के सामने आकर उन्हें उन सभी जवानों, किसानों और उन महिला पहलवानों की बातों का जवाब देना चाहिए, जिनकी भावनाओं की आग में इन्होंने अपनी राजनीति की रोटी सेकने का काम किया। जो महिला खिलाड़ी धरने पर साथ बैठे थे उनके विचारों को सभी पूर्वाग्रहों के साथ ऐसी दिशा दी जहां बस आपके राजनीतिक फायदे दिख रहे थे। आज जब आपका ये वीडियो सबके सामने है उससे अब देश की जनता को समझ में आ जाएगा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के पवित्र दिन आपका विरोध और राष्ट्र के लिए जीता हुआ मेडल गंगा में प्रवाहित करने की बात कितना देश को शर्मसार करने जैसा था। बहन हो सकता है आप बादाम के आटे की रोटी खाते हों, लेकिन गेहूं की तो मैं ओर मेरे देश की जनता भी खाती ही है, सब समझते हैं। देश की जनता समझ चुकी है कि आप कांग्रेस के हाथ की कठपुतली बन चुकी हो। अब समय आ गया है कि आपको आपकी वास्तविक मंशा बता देनी चाहिए क्योंकि अब जनता आपसे सवाल पूछ रही है।”
वहीं, बबीता फोगाट पर पलटवार करते हुए साक्षी मलिक ने रविवार को फिर एक ट्वीट कर कहा, ”वीडियो में हमने तीरथ राणा और बबीता फोगाट पर तंज कसा था कि कैसे वे अपने स्वार्थ के लिए पहलवानों को इस्तेमाल करना चाह रहे थे और कैसे पहलवानों पर जब विपदा पड़ी तो वे जाकर सरकार की गोद में बैठ गए। हम मुसीबत में जरूर हैं, लेकिन हास्यबोध इतना कमजोर नहीं हो जाना चाहिए कि ताकतवर को काटी चुटकी पर आप हंस भी न पाएं।”
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को लेकर विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पीछा करने और यौन उत्पीड़न के अपराधों के तहत आरोप पत्र दायर किया है।