Home National प्रयागराज और वाराणसी का विकास अब एनसीआर की तर्ज पर, रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी के गठन की तैयारी

प्रयागराज और वाराणसी का विकास अब एनसीआर की तर्ज पर, रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी के गठन की तैयारी

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Prayagraj and Varanasi will be developed on the lines of NCR: एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) की तर्ज पर प्रयागराज और वाराणसी का विकास होगा। दोनों मंडलों के जिलों में औद्योगिक और पर्यटन के विकास पर काम करना होगा। नीति आयोग की योजना प्रयागराज और वाराणसी में उद्योग के साथ पर्यटन विकास की है। वरिष्ठ सलाहकार अन्ना रॉय के नेतृत्व में सोमवार को प्रयागराज आई विशेषज्ञों की टीम ने गंगा किनारे दोनों शहर और इसके आसपास का क्षेत्र एनसीआर की तर्ज पर विकसित करने के लिए रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी गठित करने की बात कही है। इसके गठन से दोनों शहर और इसके आसपास के जिलों में एनसीआर की तर्ज पर विकास हो सकेगा।

प्रयागराज की विकास योजनाओं से जुड़े विभाग के अधिकारियों को नियोजित विकास के साथ मूलभूत सुविधाओं में शत-प्रतिशत सुधार करने का निर्देश दिया है। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि टीम ने साफ कर दिया है कि सभी विकास कार्य नीति आयोग के मापदंडों के आधार पर करना होगा। शहर का मास्टर प्लान भी नीति आयोग के अनुसार होना चाहिए।

अधिकारियों के अनुसार नियोजित विकास होने पर प्रयागराज और वाराणसी में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उद्योग और पर्यटन के विकास से यहां रोजगार की संभावना बढ़ने पर देश के बड़े शहरों की ओर पलायन थमेगा। क्षेत्र की सड़कों के किनारे गांवों की सूरत बदलेगी। नीति आयोग की टीम ने रोजगार के लिए यहां से पलायन रोकने के लिए क्षेत्र का एनसीआर की तरह विकास करने का सुझाव दिया है।

क्‍या बोले अधिकारी 

प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्‍यक्ष अरविंद कुमार चौहान ने बताया कि नीति आयोग ने प्रयागराज और वाराणसी क्षेत्र को एक तरह से विकसित करने के लिए कई सुझाव दिए हैं। दोनों क्षेत्र में एक तरह के विकास की योजना बनाने के लिए कहा गया। पीडीए इंटीग्रेटेड और हाईटेक टाउनशिप बनाएगा। विशेषज्ञों की मदद से योजना बनाएंगे। 

प्रयागराज के नगर आयुक्‍त चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में नीति आयोग की टीम ने एनसीआर की तरह प्रयागराज और वाराणसी क्षेत्र को विकसित करने के लिए कहा है। आयोग के सदस्यों ने क्षेत्र के विकास के लिए त्रिस्तीय योजना (माइक्रो लेवल, सिटी और आसपास के जिलों में विकास) की बात कही है। नगर निगम को 2030 तक बुनियादी सुविधा सुधारने के लिए कहा है।

कर एवं वित्‍त सलाहकार डॉ.पवन जायसवाल ने कहा कि क्षेत्र के विकास पर सालभर से मंथन कर रहा था। आयोग ने इस क्षेत्र के लिए अपनी योजना बनाई है। उसी के अनुसार कार्यदायी एजेंसियों को काम करना होगा। दोनों क्षेत्र से पलायन रोकने के लिए उद्योग धंधे विकसित करने के साथ पर्यटन बढ़ाना होगा। वाराणसी और काशी आने वाले समय में देश का बड़ा धार्मिक टूरिस्ट सर्किट बनने जा रहा है।

ये करना होगा

हर घर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना।

शहरी क्षेत्र में विकास के लिए माइक्रो प्लान बनाना।

आसपास के जिलों को विकास में शामिल करना।

इंडस्ट्रियल हब, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा के लिए जमीन चिह्नित करना।

हरित ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग।

यातायात सुविधा में सुधार करना।

रिंग रोड के आसपास हाईटेक सिटी का विकास।

जल यातायात शुरू करना।

पर्यटन बढ़ाने के लिए रिवर फ्रंट बनाना।



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