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श्रीरामजन्म भूमि में दशरथ नंदन राम की प्रतिष्ठा हो गयी है। उनकी प्रतिष्ठा के साथ शैशवास्था के संस्कारों को संपादित करने के लिए मंगलवार से तीसरे चरण का अनुष्ठान शुरू हो गया है। यह 48 दिनों तक चलेगा। इस मंडल पूजन में भगवान का अभिषेक व होम के साथ विविध ग्रंथों का पारायण एक साथ होगा। इसी कड़ी में रागोत्सव का भी श्रीगणेश 26 जनवरी से शुरू होगा। युवा साहित्यकार व अध्येता यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र ने जानकारी दी कि रागोत्सव का कार्यक्रम दस मार्च तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इस बारे में विस्तृत जानकारी तीर्थ क्षेत्र की ओर से दी जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार इस रागोत्सव में हर दिन अलग-अलग राग के शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति होगी। इस प्रस्तुति के लिए बालीवुड व लोक प्रचलित गायकों का यहां समागम होगा। इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य दशरथ नंदन राम का मन रंजन करना है। इस आयोजन के लिए कलाकारों को उनकी सहमति के आधार पर सूचीबद्ध किया जा रहा है।
उधर कांची कामकोटि शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती महाराज के निर्देशन में मंगलवार से शुरू हुए मंडल पूजन का नेतृत्व श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी एवं पेजावर मठ उडप्पी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ कर रहे हैं। इस मंडल पूजन में तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि भी मौजूद रहे।
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अनुष्ठान का तीसरा चरण
संतों के सानिध्य में 48 दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान के पहले यज्ञकुंड में प्रज्ज्वलित अग्नि देव हुए। गर्भगृह से बाहर प्रांगण में 108 रजत कलशों से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रामलला का महाभिषेक किया गया। नूतन मंदिर के प्रांगण में रागोत्सव भी चलेगा। 26 जनवरी से दस मार्च तक सितारों का संगम फिर होगा।
काशी व दक्षिण भारत के दर्जनों वैदिक आचार्य पूजन में शामिल
पेजावर मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य स्वामी श्री तीर्थ ने बताया कि मंडल पूजन का श्रीविग्रह के दैवीय प्रभाव के साथ उनमें सानिध्य भाव की जागृति लानी है। उन्होंने बताया कि इस अनुष्ठान में प्रतिदिन कलशाभिषेक, श्रीविग्रह का अभिमंत्रण व न्यास के अलावा आरती-पूजा होगी। इसके अलावा प्रतिदिन वैदिक मंत्रोच्चार से हवन, राम मंत्र, प्रणव मंत्र का जप व वेदों एवं रामायण व श्रीमद भागवत का भी पारायण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अनुष्ठान में दक्षिण भारत एवं काशी के 15 वैदिक विद्वान आचार्य गण शामिल हैं। उधर राम मंदिर निर्माण के आरम्भ में 22 नवम्बर 2020 से शुरू हुए पहले चरण का अनुष्ठान की पूर्णाहुति 15 जनवरी को हुई थी। दूसरे चरण में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से 22 जनवरी तक चला। वहीं अब 23 जनवरी से शुरू हुआ अनुष्ठान दस मार्च तक चलेगा।