
[ad_1]
हाइलाइट्स
जिन महिलाओं को एलर्जी है उन्हें करेले के सेवन से बचना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के दौरान खान-पान को लेकर डॉक्टर का परामर्श लेना ज़रूरी.
Eating Bitter Gourd During Pregnancy – प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए अलग अनुभव होता है. जिसमें खुशी तो होती ही है साथ ही अत्यधिक सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर हर किसी के अपने मत और तरीके होते हैं. ऐसे ही कई शंका और सवाल करेले के सेवन को लेकर हैं. कई लोगों का मानना है कि करेला प्रेग्नेंसी में खाना सुरक्षित नहीं होता लेकिन वहीं कुछ लोग करेले के सेवन को हेल्दी मानते हैं. करेला एक मध्यम आकार की सब्जी है जिसका स्वाद काफी कड़वा होता है. ये कई पोषक तत्वों और खनिजों से समृद्ध है और इसे हेल्दी माना जाता है. हालांकि आमतौर पर सुरक्षित समझी जाने वाली कई सब्जियां प्रेग्नेंसी के दौरान जोखिम पैदा कर सकती हैं. जहां करेला खाने के कई फायदे हैं तो वहीं कुछ नुकसान भी. चलिए जानते हैं इनके बारे में.
कम मात्रा में करें सेवन
करेला एक हेल्दी सब्जी है जो कई बीमारियों में काम आती है. स्टाइल क्रेज के अनुसार करेले का सेवन प्रेग्नेंसी में सुरक्षित हो सकता है लेकिन जिन महिलाओं को किसी प्रकार भी एलर्जी या सेंसिटिविटी है उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए. नॉर्मल प्रेग्नेंसी में इसका कम सेवन किया जा सकता है. वो भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार.
प्रेग्नेंसी में करेले के बेनिफिट्स
हाई फोलेट कंटेंट– प्रेग्नेंट महिला के लिए फोलेट बेहद जरूरी होता है. ये मिनरल बच्चे को संभावित न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से सुरक्षित रखने में मदद करता है.
हाई फाइबर कंटेंट– ये सब्जी फाइबर से भरपूर होती है. इसे खाने से क्रेविंग को कम किया जा सकता है. प्रेग्नेंसी में भी स्लिम रहने में मदद करती है.
कब्ज में फायदेमंद– प्रेग्नेंसी में कब्ज और बवासीर की समस्या हो सकती है. करेले में हाई फाइबर होता है जो कब्ज से राहत दिला सकता है.
एंटी-डायबिटिक– करेले में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं. प्रेग्नेंसी में अक्सर महिलाओं का शुगर लेवल बढ़ जाता है. करेले के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है.
प्रेग्नेंसी में करेले से नुकसान
टॉक्सिसिटी का कारण– करेले में रेजिन, कुनैन और ग्लाइकोसाइड कंपोनेंट्स होते हैं. ये कुछ ऐसे पदार्थ हैं जो शरीर में टॉक्सिसिटी को बढ़ा सकते हैं. इससे पेट में दर्द, उल्टी और लाल चकत्ते हो सकते हैं.
पेट संबंधी समस्याएं– करेले के ज्यादा सेवन से पेट संबंधी समस्याएं जैसे- डायरिया, पेट में ऐंठन और दस्त हो सकते हैं.
सेंसिटिविटी– करेले के बीजों में वाइसिन होता है जो फेविज्म जैसी सेंसटिविटी पैदा कर सकता है.
प्री-टर्म लेबर– करेला भी गर्भाशय से संबंधित समस्याएं पैदा कर सकता है. इससे प्री-टर्म लेबर की समस्या हो सकती है.
प्रेग्नेंसी में करेले का सेवन नियमित मात्रा में किया जा सकता है लेकिन जिन महिलाओं को इससे एलर्जी है उन्हें करेले से दूर रहना चाहिए. डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
FIRST PUBLISHED : December 31, 2022, 15:45 IST
[ad_2]
Source link