
[ad_1]
हाइलाइट्स
अध्ययन में पता चला कि सोने से पहले तेज रोशनी के कारण जो महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं थी, उनमें भी ग्लूकोज का लेवल अनियंत्रित हो गया.
बत्ती को मद्धिम करने से महिलाओं में जेशटेशनल डायबिटीज का खतरा कम हो जाएगा.
Lower Risk of Gestational Diabetes: अगर खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान हो तो किसी को भी डायबिटीज हो सकता है लेकिन कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के समय डायबिटीज हो जाता है. इसे जेशटेशनल डायबिटीज कहते हैं. जेशटेशनल डायबिटीज में दोहरी परेशानी होती है. एक तो मां का ब्लड शुगर बढ़ जाता है, दूसरे मां के पेट में पल रहे बच्चे में कई जटिलताएं आ सकती है. इसलिए जेशटेशनल डायबिटीज को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए. आमतौर पर इसके लिए सही खान-पान की सलाह दी जाती है लेकिन एक हालिया रिसर्च में दावा किया गया है कि रात को सोने से कुछ घंटे पहले अगर रोशनी का मैनेजमेंट सही से कर लें तो जेशटेशनल डायबिटीज से बचा जा सकता है.
यह अध्ययन नोर्थवेस्टर्न मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने किया है. अध्ययन में बताया गया कि प्रेग्नेंट महिलाएं रात में सोने से कुछ घंटे पहले से रूम में जल रही बत्ती को डीम कर दें. यानी बत्ती को मद्धिम करने से महिलाओं में जेशटेशनल डायबिटीज का खतरा कम हो जाएगा.
सोने से तीन घंटा पहले रोशनी को कर दें धीमी
एचटी की खबर के मुताबिक नोर्थवेस्टर्न मेडिसीन के शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर प्रेग्नेंट महिला सोने से तीन घंटा पहले घर के लाइट को डीम कर दें या जीरो वाट के बल्ब का इस्तेमाल करें और कंप्यूटर, स्मार्टफोन या अन्य गैजेट की रोशनी को डीम कर दें तो उनमें जेशटेशनल डायबिटीज का खतरा बहुत कम हो जाता है. अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं जेशटेशनल डायबिटीज की शिकार थी, वह सोने से पहले बहुत तेज रोशनी में रहती थी. वहीं जो महिलाएं कम रोशनी में रहती थी और एक्सरसाइज भी करती थीं, उनमें जेशटेशनल डायबिटीज के मामले सामने नहीं आए. प्रमुख शोधकर्ता डॉ. मिंजी किम ने बताया कि हमारे अध्ययन से यह स्पष्ट हो गया कि सोने से पहले लाइट का एक्सपोजर जेशटेशनल डायबिटीज के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है.
बच्चों में मोटापा का खतरा
अध्ययन में यह भी पता चला कि सोने से पहले तेज रोशनी के कारण जो महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं थी, उनमें भी ग्लूकोज का लेवल अनियंत्रित हो गया. हालांकि रिसर्च से अभी यह पता नहीं चला है कि तेज रोशनी प्रेग्नेंट महिलाओं को किस तरह असर करती है लेकिन इतना तो स्पष्ट हो गया कि यह प्रेग्नेंट महिलाओं में कई तरह की हेल्थ जटिलताओं को बढ़ा देती है. डॉ. मिंजी किम ने बताया कि यह पहली मल्टी साइट स्टडी है जिसमें पता चला है कि तेज रोशनी के कारण प्रेग्नेंट महिलाओं में जेशटेशनल डायबिटीज हो सकता है. इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को सतर्कता बरतने की जरूरत है. जेशटेशनल डायबिटीज के कारण प्रेग्नेंट महिलाओं के गर्भ में जटिलताएं आ सकती है. इससे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जााता है. इसके साथ ही जन्म लेने वाले बच्चों में मोटापा और हाइपटेंशन को जोखिम रहता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : March 14, 2023, 13:24 IST
[ad_2]
Source link