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बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने 26 साल के एक रेप के आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी यह मामला प्रेम का था ना कि वासना का। आरोपी पर 13 साल की लड़की से रेप करने का आरोप है। जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसा नहीं लगता कि यह मामला Lust का नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच अफेयर था और यह मामला प्रेम का लगता है ना कि वासना का।
आरोपी का नाम नितिन ढाबेराव है जिसके खिलाफ पीड़िता ने केस दर्ज करवाया था। शिकायत में कहा गया था कि 23 अगस्त को 13 साल की लड़की घर से किताब लेने के लिए बाहर निकली थी लेकिन वह वापस नहीं आई। इसके बाद पिता ने गुमशुदगी का केस दर्ज करवाया। नाबालिग ने बताया था कि उसके पड़ोस में ही रहने वाले नितिन ने उसे प्रपोज किया था। इसके बाद उन दोनों के बीच करीबी बढ़ी।
पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि नितिन ने उससे शादी का वादा किया था। इसके बाद नाबालिग ने अपने घर से गहने और कैश लिए और नितिन के साथ रहने चली गई। वे दोनों अपने घरों से दूर राज्य में अलग-अलग जगहों पर रहे। बाद में जब नाबालिग का पता चला तो पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया। पीड़िता के बयान के आधार पर ही पुलिस ने पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया।
आरोपी के वकील का कहना था कि पीड़िता अपनी मर्जी से नितिन के साथ गई थी और दोनों प्यार में थे। वहीं नाबालिग की तरफ से वकील ने कहा कि लड़की नाबालिग थी ऐसे में उसकी सहमति मायने नहीं रखती। सुनवाई के दौरान जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने कहा कि अगर बात योग्यता की है तो वास्तव में नाबालिग की सहमति मायने नहीं रखती। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता आरोपी के साथ कई जगहों पर रही लेकिन इस दौरान उसने कोई शिकायत नहीं की। इसलिए स्पष्ट है कि नाबालिग प्रेम प्रसंग के चलते ही घर छोड़कर आरोपी के साथ गई थी। कोर्ट ने कहा कि मुकदमा निपटने में समय लगेगा। ऐसे में आरोपी को कैद में रखने का कोई मतलब नहीं है।
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