Home National प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे बृजभूषण सिंह, अनुराग ठाकुर की चेतावनी- मीडिया के पास न जाएं

प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे बृजभूषण सिंह, अनुराग ठाकुर की चेतावनी- मीडिया के पास न जाएं

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प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे बृजभूषण सिंह, अनुराग ठाकुर की चेतावनी- मीडिया के पास न जाएं

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महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। उन्होंने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में बुलाई है जब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें मीडिया के पास न जाने की सलाह दी है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को बृजभूषण शरण सिंह को मीडिया में जाने या उनके खिलाफ लगे आरोपों पर कोई भी बयान देने से बचने को कहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया में अपने ऊपर लगे आरोपों पर बयान देने से यह मामला और भी पेंचीदा हो जाएगा।

बता दें कि इससे पहले शीर्ष भारतीय पहलवानों की केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ गुरुवार रात हुई बैठक बेनतीजा रही थी। पहलवानों ने सरकार के भारतीय कुश्ती महासंघ को तुरंत भंग करने की अपनी मांग से पीछे हटने से इनकार कर दिया था। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के दूसरे दिन गुरुवार को रात करीब 10 बजे मैराथन बैठक शुरू हुई। पहलवान रात एक बजकर 45 मिनट पर ठाकुर के घर से निकले और बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बात नहीं की।

इधर बृजभूषण शरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के गोंडा में संवाददाताओं से कहा, “अगर मैं बोलूंगा तो सुनामी आ जाएगी… मैं यहां किसी की मदद से नहीं आया हूं, मुझे लोगों ने चुना है।” इसके अलावा, उन्होंने आज शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है। बृजभूषण शरण सिंह ने ट्वीट कर मीडिया को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया है। उन्होंने ट्वीट में “साजिश के पीछे कौन” का खुलासा करने की ओर इशारा किया है। 

सरकारी अधिकारियों और विरोध कर रहे पहलवानों के बीच पूर्व में हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद ठाकुर हिमाचल प्रदेश से दिल्ली पहुंचे थे। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक पहलवान शुक्रवार को फिर से खेल मंत्री से मिलेंगे। मंत्रालय बृजभूषण शरण सिंह को तब तक इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता जब तक कि उसे डब्ल्यूएफआई से लिखित जवाब नहीं मिल जाता क्योंकि सरकार ने खुद कुश्ती संघ से स्पष्टीकरण मांगा है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि पहलवान अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म करें लेकिन खिलाड़ी इस बात पर अड़े हैं कि पहले डब्ल्यूएफआई को भंग किया जाए। पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने पीटीआई से कहा, ”सरकार अन्य मुद्दों को बाद में सुलझा सकती है। हमें इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उसे पहले डब्ल्यूएफआई को भंग करना चाहिए।” 

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