Home Health प्लास्टिक सर्जरी अब सिर्फ अमीरों का शगल नहीं, मुंबई के सरकारी अस्पतालों में Surgery की संख्या में बढ़ोतरी

प्लास्टिक सर्जरी अब सिर्फ अमीरों का शगल नहीं, मुंबई के सरकारी अस्पतालों में Surgery की संख्या में बढ़ोतरी

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प्लास्टिक सर्जरी अब सिर्फ अमीरों का शगल नहीं, मुंबई के सरकारी अस्पतालों में Surgery की संख्या में बढ़ोतरी

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हाइलाइट्स

मुंबई के सरकारी अस्पतालो में किफायती दामों में प्लास्टिक सर्जरी हो रही है.
यहां सरकारी अस्पतालों में फेस लिफ्ट सिर्फ 950 रुपये में किया जा रहा है.

Plastic Surgery Treatment: सुंदर दिखना किसे अच्छा नहीं लगता है. खुद को बेहतर दिखाने के लिए हम तमाम तरह के काम करते हैं. इसी तरह कोई भी बूढ़ा नहीं दिखना चाहता है. ऐसे में अगर चेहरे पर एक भी झुर्री नजर आ जाती है तो वह हमारी चिंताओं की लकीरों को दोगुना कर देती है. लेकिन एक वक्त ऐसा था जब सुंदर दिखने की चाहत के लिए या झुर्रियों को मिटाने की हसरत सिर्फ संपन्न वर्ग तक ही सीमित थी. क्योंकि प्लास्टिक सर्जरी या शरीर को बेहतर दिखाने वाले इंप्लांट निजी अस्पतालों तक ही सीमित थे. और इनकी कीमत इतनी ज्यादा होती थी कि आम आदमी सिर्फ मन मसोस कर ही रह जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं रहा है. मुंबई के सरकारी अस्पतालों में बीते कुछ सालों में प्लास्टिक सर्जरी या शरीर को सुंदर और सुडौल दिखाने की चाहत रखने वाले निम्न मध्यमवर्गीय लोगों की आमद में काफी इजाफा हुआ है क्योंकि यह अस्पताल उनकी हसरतों को बेहद ही कम कीमत में पूरा कर रहे हैं.
किसी हादसे के बाद कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए लोग सरकारी अस्पतालों का रुख तो करते आए हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में मुंबई के सरकारी अस्पतालों में लोग ऐसी सर्जरी के लिए भी आ रहे हैं जो सिर्फ सुंदरता के उद्देश्य से की जा रही हैं. फिर वो नोज जॉब हो, हेयर ट्रांसप्लांट हो या चर्बी घटाने के लिए हुआ लिपोसक्शन. गुप्तांगों से जुड़ी सर्जरी के लिए भी सरकारी अस्पताल को बेहतर विकल्प माना जा रहा है क्योंकि वो जेब पर भारी नहीं पड़ती.

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साढ़े नौ सौ रुपये में होता है फेसलिफ्ट
बेहतर दिखने के मकसद से की जाने वाली ये सर्जरी जहां साधन संपन्न लोगों का शगल मानी जाती थी, वहीं सरकारी अस्पताल जिस कीमत पर इसे करते हैं वो निजी अस्पतालों के दाम से बहुत कम है. जहां फेसलिफ्ट की कीमत निजी अस्पताल में एक लाख रुपये है, वहीं मुंबई के जेजे जैसे सरकारी अस्पताल में ये काम साढ़े नौ सौ रुपये में हो सकता है. बेड की कीमत जहां निजी अस्पताल में पंद्रह सौ रुपये प्रति दिन होती है, वहीं सरकारी में ये कीमत तीस रुपये प्रति दिन है.

सरकारी अस्पताल में खर्च नाममात्र का
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि जेजे अस्पताल ने 2016-2021 के बीच इस तरह के 127 लिपोसक्शन, 23 हेयर ट्रांसप्लांट, 139 राइनोप्लास्टी की हैं. ऐसे ही आंकड़े बीएमसी द्वारा संचालित केईएम, नायर अस्पतालों के भी हैं जहां 2016 से 2021 के बीच इस तरह की सर्जरी बढ़ती दिखाई दी हैं. डॉक्टरों की मानें तो उनके पास ऐसे पुरुष भी आते हैं जो सुडौल शरीर के लिए चेस्ट इम्प्लांट के लिए आते हैं. बताया जाता है कि इन अस्पतालों में लोगों के आने की वजह इन सर्जरी का सौ गुना सस्ता होना है. जिससे सर्जरी करवाने वालों को लाखों की बचत होती है. इन अस्पतालों का रुख करने की वजह ये भी है कि इस तरह की कॉस्मेटिक सर्जरी किसी तरह के मेडिकल इंश्योरेंस में कवर नहीं होती. इसलिए लोग सरकारी अस्पतालों के नामी सर्जन के पास आते हैं.

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ज्यादा केस दुर्घटना के बाद कॉस्मेटिक सर्जरी के
इन डॉक्टरों की मानें तो इस तरह की सर्जरी के लिए ज्यादातर निम्न मध्यम वर्ग के लोग आते हैं और ज्यादातर छोटी सर्जरी जैसे आइब्रो अपलिफ्ट करवाने के लिए आते हैं. हालांकि इन सरकारी अस्पतालों में इस तरह की सर्जरी की दर निश्चित ही बढ़ी है लेकिन अभी भी सर्जन के पास आने वाले ज्यादातर केस हादसे के बाद की जाने वाली कॉस्मेटिक सर्जरी के ही होते हैं. 2019 से लेकर 2021 के बीच मुंबई के केईएम अस्पताल में 1900, जेजे में 1500 और नायर में 1800 से ज्यादा रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की गई हैं.

Tags: Health, Lifestyle, Mumbai

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