हाइलाइट्स
ज्यादा वजन भी स्पर्म के लिए दुश्मन है. वजन के कारण कई वजहों से स्पर्म कम होने लगता है.
कई ऐसे मादक ड्रग हैं जिनका सेवन करने से स्पर्म पर असर पड़ता है.
Bad Habbit That Kills: पिछले 5-6 दशकों से केमिकलयुक्त खाद्य पदार्थ और प्रतिकुल पर्यावरण जैसे कई वजहों से पुरुषों में स्पर्म की संख्या में बहुत कमी आई है. इन सबके अलावा पुरुषों की कई ऐसी गलत आदते हैं जिनकी वजह से स्पर्म की क्वालिटी और क्वाटिटी दोनों पर असर पड़ रहा है. आज गर्भधारण संबंधी जितनी समस्याएं सामने आ रही हैं, उनमें आधे में पुरुष की खराब स्पर्म जिम्मेदार होता है. जब पुरुषों के स्पर्म की संख्या में कमी आने लगे तो उसे ओलिगोस्पर्मिया (oligospermia) कहते हैं जबकि अगर सीमेन से स्पर्म पूरी तरह खत्म हो जाए तो उसे एजूस्पर्मिया (azoospermia) कहते हैं. अधिकांश पुरुषों को आजकल इन समस्याओं से जूझना पड़ता है. मायो क्लिनिक के मुताबिक एक वयस्क पुरुष में अगर प्रति मिलीलीटर सीमने में 1.5 करोड़ से कम स्पर्म की संख्या है तो इसे स्पर्म की कमी माना जाता है. इससे कम स्पर्म प्रेग्नेंसी के लायक नहीं बन पाता है.
स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं. कई ऐसी बीमारियां, पर्यावरणीय कारक, ड्रग यूज, रेडिएशन, मेटल एक्सपोजर आदि जिम्मेदार हो सकते हैं. इन सबके बावजूद कुछ ऐसी खुद की खराब आदतें भी हैं जिनके कारण पुरुषों में स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या दोनों प्रभावित होती है.
ये खराब आदतें स्पर्म के लिए दुश्मन
1.ड्रग का इस्तेमाल-मायो क्लिनिक के मुताबिक कई ऐसे मादक ड्रग हैं जिनका सेवन करने से स्पर्म पर असर पड़ता है. यहां तक कि मसल्स बनाने के लिए जिन एनाबोलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाता है, उससे भी स्पर्म की गुणवत्ता खराब होती है. कोकिन, हीरोइन, गांजा आदि स्पर्म की क्वालिटी और प्रोडक्शन दोनों को खराब करते हैं.
2. अल्कोहल-शराब का सेवन पूरे शरीर के लिए हानिकारक होता है लेकिन यह स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता को सबसे अधिक खराब करने के लिए जिम्मेदार है. शराब टेस्टोस्टेरॉन लेवल को बहुत कम कर देता है. इससे स्पर्म का प्रोडक्शन बहुत कम हो जाता है.
3. तंबाकू-जो पुरुष सिगरेट का सेवन करते हैं, उसमें स्पर्म काउंट कम हो जाता है.
4. भावनात्मक तनाव-अगर कोई पुरुष बहुत अधिक भावनात्मक तनाव में रहता है तो उसके स्पर्म की गुणवत्ता प्रभावित होती है. तनाव के कारण हार्मोन का उत्पादन कम होता है जिसकी वजह से स्पर्म का प्रोडक्शन भी कम होने लगता है.
5. अवसाद-तनाव का अगला स्टेज डिप्रेशन यानी अवसाद है. डिप्रेशन पूरे शरीर को नकारात्मकता से भर देता है. इससे स्पर्म की संख्या में बहुत अधिक कमी आने लगती है.
6. वजन-ज्यादा वजन भी स्पर्म के लिए दुश्मन है. वजन के कारण कई वजहों से स्पर्म कम होने लगता है. ज्यादा वजन खराब खान-पान की वजह से होता है. यह कई हार्मोन को प्रोडक्शन को बिगाड़ देता है जिसका सीधा संबंध स्पर्म से रहता है.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : May 29, 2023, 13:53 IST