नई दिल्ली: सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद अब अरविंद केजरीवाल सरकार का एक और मंत्री ईडी की रडार पर है. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने अब केजरीवाल सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद के खिलाफ एक्शन लिया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़े एक मामले की जांच के तहत दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता राजकुमार आनंद से जुड़े परिसरों पर गुरुवार को छापा मारा. अरविंद केजरीवाल की पेशी से ठीक पहले ईडी ने राजकुमार आनंद के घर और परिसरों पर रेड मारी है.
बताया गया कि सिविल लाइंस इलाके में स्थित मंत्री राजकुमार आनंद के घर और उनके 9 ठिकानों पर गुरुवार तड़के ईडी ने छापेमारी की. छापा मार रहे प्रवर्तन निदेशालय के दलों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक टीम भी है. आनंद (57) अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में सामाजिक कल्याण और एससी/एसटी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) कल्याण मंत्री हैं. वह पटेल नगर से विधायक हैं.
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किस आरोप में ईडी का एक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ईडी ने राजकुमार आनंद के खिलाफ यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की है. हालांकि, उन पर क्या आरोप हैं, इसे लेकर अब तक किसी ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. क्या राजकुमार आनंद के खिलाफ दिल्ली शराब घोटाला केस में एक्शन लिया गया है, इसे लेकर भी कोई पुष्ट जानकारी नहीं है. फिलहाल, ईडी के आधिकारिक बयान का इंतजार है, उसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर यह एक्शन किस केस से जुड़ा है.
क्या हैं आरोप
आनंद के खिलाफ जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के अलावा सात करोड़ रुपये से अधिक की सीमा शुल्क चोरी के लिए आयात की गलत जानकारी देने को लेकर आरोप पत्र दायर किया था. यह जांच इसी आरोप पत्र से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि एक स्थानीय अदालत ने हाल में डीआरआई अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया था जिसके बाद ईडी ने आनंद और कुछ अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया.
5 प्वाइंट में जानिए कौन हैं राजकुमार आनंद?
1. राजकुमार आनंद फर्स्ट टाइम विधायक हैं और वह दिल्ली के पटेल नगर विधानसभा को रिप्रजेंट करते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में उनकी जीत हुई थी.
2. अरविंद केजरीवाल की सरकार में राजकुमार आनंद के पास कई विभाग हैं, जिनमें समाज कल्याण, एससी और एसटी, गुरुद्वारा चुनाव और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार शामिल हैं.
3. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 57 वर्षीय राजकुमार आनंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के लिए अलीगढ़ में एक ताला फैक्ट्री में बाल मजदूर के रूप में काम किया. इसके बाद उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर एमए की पढ़ाई पूरी की.
4. राजनीति में आने से पहले वह एक सक्सेसफुर बिजनेसमैन थे. वह रेक्सिन चमड़ा बेचने वाले एक सफल व्यवसायी रहे हैं. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे, उन्होंने वंचित लोगों की भलाई के लिए आनंदपथ फाउंडेशन खोला.
5. साल 2011 में अन्ना हजारे के आंदोलन इंडिया अगेंस्ट करप्शन में हिस्सा लिया था और इसके बाद वह अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे.
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Tags: Arvind kejriwal, CM Arvind Kejriwal, Directorate of Enforcement, Money Laundering Case
FIRST PUBLISHED : November 2, 2023, 10:47 IST