Monday, July 8, 2024
Google search engine
HomeLife Styleफाइलेरिया से छुटकारा पाने के लिए अपनाए ये देसी नुस्खा, 10 दिनों में...

फाइलेरिया से छुटकारा पाने के लिए अपनाए ये देसी नुस्खा, 10 दिनों में दिखेगा असर


अर्पित बड़कुल/ दमोह: मानसून के महीनों में फाइलेरिया (filariasis) बीमारी फैलना आम बात है. जिसे आम बोल चाल में हाथी पांव भी कहते हैं. इसके अधिकतर केस ग्रामीण इलाकों से निकलकर सामने आते हैं. लोगों के जहन में अक्सर सवाल बना रहता है कि ये बीमारी होती कैसे हैं, इसका पानी से क्या लेना-देना है और इसकी मुख्य वजह क्या है? तो आज बताते है इस बीमारी की मुख्य वजह आस पास फैली गंदगी और दूषित पानी का इकठ्ठा होना है. अर्थात् दूषित पानी में पनपने वाले जीव जंतु अनदेखी के कारण पैरों में डंक मार देते हैं. जिसका इलाज हम समय पर नहीं करवाते जो रोग आगे चलकर घातक बन जाता है.

लगातार योगाभ्यास और बेहतर खान-पान बदल देगा आपकी जिंदगी
आयुर्वेद के मुताबिक सालों पुरानी फाइलेरिया बीमारी जिसे बुंदेलखंड इलाके में हाथी पांव बोला जाता है. इस बीमारी से ग्रसित मरीज के पैरो मे भारी सूजन और पैरो का आकार काफी बड़ा हो जाता है. इसे लोग हाथी पांव बीमारी बोलने लगते हैं.जबकि मेडिकल साइंस मे इसे फाइलेरिया और आयुर्वेदिक चिकित्सा मे इसे श्लीपद बोला जाता है.

यह एक गम्भीर बीमारी है, जिसके उपचार के लिए आयुर्वेद में निरन्तर योगाभ्यास और अपने खान पान पर कंट्रोल करने की नसीहत दी जाती है. यदि आप लगातार योगाभ्यास और बेहतर डाइट लेते हैं, तो महज 7 से 8 दिनों में आप 10 से 12 किलो वजन यू ही कम कर लेंगे. ऐसा आयुर्वेद का मानना है.

जहां कभी कंधों पर लटकते थे असलहे…गोलियों की होती थी तड़तड़हाट, अब बेटे-बेटियां ला रहे मेडल…गूंज रहीं तालियां

अदरक और सोंठ के पाउडर का करें सेवन
फाइलेरिया से निजात के लिए सूखे अदरक का पाउडर या सोंठ का रोज गरम पानी से सेवन करें. इसके सेवन से शरीर में मौजूद परजीवी नष्ट होते हैं, और मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है. सेंधा नमक शंखपुष्पी और सौंठ के पाउडर में सेंधा नमक या रॉक साल्ट मिलाकर एक-एक चुटकी रोज दो बार गरम पानी के साथ लें.

पतंजलि आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. देवेंद्र उपाध्याय ने बताया कि फाइल एरिया को हाथी को भी कहते है. ये मच्छर के काटने से होता है, आयुर्वेद में इसको पंचकर्म से ठीक कर सकते हैं. पंचकर्म थेरेपी होती है रक्तमोक्षण, रक्त मोक्षण में पैर में जहां फाइलेरिया होता है. उसे लीच थेरेपी के जरिए उस रक्त को पैरों से निकालते हैं, और इसमें कुछ दवाइयां भी होती हैं. अरोग्यबटी जो खून को पतला करती है.

Tags: Damoh News, Life, Local18, Mp news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments