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Jharkhand TGT Shikshak: फाजिल की उपाधि को एमए-बीएड के समकक्ष बताने के दावे को स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने खारिज कर दिया है। राज्य के स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक की औपबंधित वरीयता सूची की आपत्तियों के निराकरण के बाद अंतिम वरीयता सूची जारी कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।
झारखंड राज्य बनने के बाद प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के लिए सामान्य कोटि के 18 वर्ष और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के 15 वर्ष कालावधि पूरी कर चुके स्नातक शिक्षकों की औपबंधित वरीयता सूची जारी की गई थी। इस पर शिक्षकों से आपत्ति भी ली गई थी। इसमें शिक्षकों द्वारा दावा किया गया था कि फाजिल की उपाधि एमए-बीएड के समकक्ष मानी गयी है। बिहार राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय (सेवा शर्त) नियमावली 1983 में प्रावधान है कि ऐसे शिक्षक किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या राज्य सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त बोर्ड-समिति की ओर से आचार्य, फाजिल और संस्कृत, फारसी, अरबी में एमए-ऑनर्स में अप्रशिक्षित होंगे। ऐसे में आपत्ति लगाने वाले शिक्षक झारखंड प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के लिए झारखंड सरकारी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति व सेवा शर्त नियमावली की निर्धारित अर्हता को पूरा नहीं करते हैं। शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापक के लिए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए 130 शिक्षकों की अंतिम वरीयता सूची जारी कर दी है।