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हाइलाइट्स
हस्त उत्तानासन अभ्यास से छाती की मांसपेशियां मजबूत होती है. इससे फेफड़े में हानिकारक कोशिकाएं मर जाती हैं.
पश्चिमोत्तासन से फेफड़े की मांसपेशियां मजबूत होती है.
Lungs Cleaning by Yoga: योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिससे तन और मन दोनों को स्वस्थ्य रखा जा सकता है. योग भारत की ओर से दुनिया को दिया अनमोल हीरा है. योग से तन, मन और आत्मा को एक किया जा सकता है. आधुनिक युग में प्रदूषण इंसान के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने आने लगा है. वहीं इंसान के लाइफस्टाइल से संबंधित कई गलत आदतें उनकी जान के दुश्मन बनने पर उतावले हैं. इसके बावजूद लोग अक्सर सिगरेट, शराब से अपने फेफेड़े को खराब करते रहते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक योग इन सबका जवाब है. योग से छाती के मसल्स में लचीलापन और मजबूती लाई जा सकती है.
योग की बदौलत सांसों के अभ्यास से हार्ट और लंग्स को एक साथ मजबूत किया जा सकता है और इससे बीमारियों से बचा जा सकता है. सांसों से संबंधित योगाभ्यास शरीर में ऑक्सीजन के फ्लो को बढ़ाता है, इससे लंग्स के मसल्स मजबूत होते हैं. वहीं इम्यूनिटी को बूस्ट कर लंग्स डिजीज के जोखिम को भी कम करते हैं. योग के कारण फिजिकल फिटनेस बेहतर हो जाता है.
फेफड़ों को मजबूत करने के लिए योग अभ्यास
1. हस्त उत्तानासन-एचटी की खबर ने हिमालय सिद्ध अक्षर योग केंद्र के प्रमुख के हवाले से हस्त उत्तानासन से फेफड़े को होने वाले लाभ को बताया है. इस अभ्यास को करने के लिए दोनों पैरों को मिलाकर खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर लंबी गहरी सांस लेते हुए कमर और हाथों को पीछे की ओर ले जाएं. धीरे-धीरे यह क्रिया करें और जितना संभव हो उतना ही पीछे झुके. फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सीधी मुद्रा में आ जाएं. इस योग से छाती की मांसपेशियां मजबूत होती है. इससे फेफड़े में हानिकारक कोशिकाएं मर जाती हैं.
2. बज्रासन-बज्रासन को थंडरबोल्ड पोज भी कहते हैं. इस अभ्यास को करने के लिए मैट पर घुटने को पीछे मोड़ते हुए सहज मुद्रा में बैठ जाएं. दोनों हाथों को जांघ पर रख लें. अपनी पैर की ऊंगलियों को पीछे की ओर तानें. अपनी एड़ियों को एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें. अब धीरे-धीरे अपने शरीर को इस तरह से नीचे ले जाएं कि आपके हिप्स एड़ियों पर जाकर टिक जाएं. अब अपना ध्यान सांसों पर केंद्रित करें. मन को शांतचित कर लें और सांस छोड़ें और लें. 5 से 10 मिनट तक यह ध्यान आसन करें. इससे पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. यह फेफड़े की गंदगी को बाहर करता है.
3. पश्चिमोत्तासन-इस योग अभ्यास में बैठकर ही दोनों हाथों को पैरों में पकड़ना होता है. इस योग में रीढ़ की हड्डी में खिंचाव होता है जो फेफड़े पर बल देता है. इससे फेफड़े से नकारात्मक ऊर्जा बाहर आ जाती है और फेफड़े में फ्लेक्सिबिलिटी आती है. इस आसन के लिए जमीन पर पैर फैलाकर बैठ जाएं. दोनों पैरों को एक दूसरे के साथ चिपका लें और पैरों को एकदम सीधा रखें. गर्दन और रीढ़ की हड्डी भी सीधा रखें. इसके बाद सांस लेते हुए दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें और धीरे-धीरे हाथों से पैर की उंगलियों को पकड़ें. फिर सांस छोड़ते हुए अपनी मुद्रा में आ जाएं.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : June 19, 2023, 20:03 IST
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