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हाइलाइट्स
पल्मोनरी हायजीन को पहले पल्मोनरी टॉयलेट कहा जाता था.
यह तरीका सुनिश्चित करता है कि हमारे लंग्स और रेस्पिरेटरी सिस्टम सही से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त कर रहे हैं या नहीं.
पल्मोनरी हायजीन अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज आदि स्थितियों में फायदेमंद है.
Benefits of pulmonary hygiene: हायजीन केवल शरीर की बाहरी साफ-सफाई से संबंधित नहीं है. बाहरी के साथ ही शरीर की अंदरूनी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. पल्मोनरी हायजीन को पहले पल्मोनरी टॉयलेट कहा जाता था. यह मेथड फेफड़ों की सफाई से संबंधित है. इसे उन एक्सरसाइजेज और प्रोसीजर के रूप में जाना जाता है, जिनका इस्तेमाल म्यूकस और अन्य सेक्रेशंस के एयरवेज को साफ करने में मदद के लिए किया जाता है. यह तरीका सुनिश्चित करता है कि आपके लंग्स और रेस्पिरेटरी सिस्टम सही से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त कर रहे हैं या नहीं. कुछ विशेष हेल्थ कंडीशंस में पल्मोनरी हायजीन की खास आवश्यकता होती है. आइए जानें, पल्मोनरी हायजीन के क्या हैं फायदे? किन चीजों का रखना चाहिए इसमें ध्यान.
पल्मोनरी हायजीन के क्या हैं फायदे?
हेल्थलाइन के अनुसार अगर आपको रेस्पिरेटरी इशूज हैं तो पल्मोनरी हायजीन से आपको बहुत अधिक फायदा हो सकता है. पल्मोनरी हायजीन को अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की स्थिति में भी फायदेमंद माना गया है. इसके अन्य फायदे इस प्रकार हैं:
-इस तरह की थेरेपी का इस्तेमाल कई सालों से किया जाता रहा है. ऐसा माना जाता है कि पल्मोनरी हायजीन एक हानिकारक लंग डिजीज (जिसे एटेलेक्टासिस कहा जाता है) में मदद करती है. पल्मोनरी हाइजीन, एटेलेक्टेसिस को रोकने के कई तरीकों में से एक है. अन्य फिजिकल मेथड और दवाएं भी इसमें फायदेमंद साबित हो सकती हैं.
-अगर किसी व्यक्ति को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानि COPD की समस्या है, तो इस थेरेपी की मदद उसके इलाज के लिए ली जा सकती है.
पल्मोनरी हायजीन में किन चीजों का रखना चाहिए ख्याल?
पल्मोनरी हायजीन को अगर सही तरीके से फॉलो किया जाए तो यह बेहद सुरक्षित है. हालांकि, यह तरीका कभी-कभी अनकंफर्टेबल हो सकता है. अगर आप इसे घर पर करना चाहते हैं, तो इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आप पहले किसी एक्सपर्ट से इसे अच्छे से करना सीख जाएं. इससे आपको इस मेथड के प्रभावित और सुरक्षित लाभ मिलेंगे. पल्मोनरी हायजीन ट्रीटमेंट प्लान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है. लेकिन, इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह के अनुसार बताए दूसरे ट्रीटमेंट मेथड का भी पालन करें.
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FIRST PUBLISHED : January 12, 2023, 01:35 IST
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