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स्मार्टफोन में मौजूद पर्सनल और सेंसिटिव जानकारी की सुरक्षा के लिए फेस अनलॉक और फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन जैसे विकल्पों की मदद ली जाती है। इसके अलावा यूजर्स को पिन या पासवर्ड एंटर करना पड़ सकता है। अब नए मालवेयर ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए खतरे की घंटी बजाई है और फोन के PIN चोरी कर रहा है। यह मालवेयर पिन चुराने के लिए फेस अनलॉक और फिंगरप्रिंट को डिसेबल कर देता है।
सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने एंड्रॉयड स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों को ‘Chameleon Trojan’ मालवेयर से जुड़ी चेतावनी दी है। यह मालवेयर इस साल की शुरुआत में सामने आया था और अब इसका नया वर्जन कहीं ज्यादा खतरनाक ढंग से काम कर रहा है। यह ट्रोजन मालवेयर खुद को गूगल क्रोम जैसे लोकप्रिय और भरोमंद ऐप्स से जोड़कर बैकग्राउंड में कोड रन करता है, जिससे यूजर्स को इसका पता नहीं चल पाता।
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फोन की सुरक्षा में लगा सकता है सेंध
Bleeping Computer ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है कि मालवेयर एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स की सुरक्षा में सेंध लगा सकता है। कैमिलियन मालवेयर खास तरह का कोड रन करते हुए गूगल प्रोटेक्ट अलर्ट्स को बायपास कर सकता है और फोन पर चल रहे अन्य सिक्योरी सॉफ्टवेयर को भी चकमा देता है। Android 12 और इससे पुराने वर्जन पर काम कर रहे फोन्स में यह ऐक्सेसिबिलिटी सर्विस सेटिंग्स के जरिए काम करता है, वहीं नए एंड्रॉयड वर्जन में इसके काम करने का तरीका अलग है।
हर तरह का डाटा चुरा सकता है मालवेयर
रिसर्चर्स की मानें तो कैमिलियन मालवेयर के जरिए फोन की स्क्रीन पर दिखने वाला हर तरह का कंटेंट चोरी किया जा सकता है। यह फोन को अनलॉक करने के लिए इस्तेमाल होने वाले पिन या पासवर्ड को भी कैप्चर कर लेता है। बाद में जब यूजर फोन इस्तेमाल नहीं कर रहा होता तो इस चोरी किए गए पासवर्ड या पिन की मदद से क्रेडिट कार्ड पासवर्ड्स से लेकिन लॉगिन डीटेल्स जैसी जानकारी का गलत इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है और बड़ा अटैक किया जाता है।
ना हैकिंग का खतरा, ना वायरस का डर.. आपके फोन को सुरक्षित रखेंगे ये ऐप्स
यह है खुद को सुरक्षित रखने का तरीका
खतरनाक कैमिलियन मालवेयर से खुद को सुरक्षित रखने के लिए बेहद जरूरी है कि आप केवल गूगल प्ले स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें। इसके अलावा किसी भी अनजान ऐप के लिए ‘ऐक्सेसिबिलिटी सर्विस’ इनेबल ना करें। इसके अलावा आप Malwarebytes जैसे ऐप्स के सिक्योरिटी स्कैन रन करते हुए इसका पता लगा सकते हैं। साथ ही प्ले स्टोर में गूगल प्ले प्रोटेक्ट को हमेशा इनेबल रखें। थर्ड-पार्टी ऐप्स या वेबसाइट से ऐप्स डाउनलोड करना भी खतरनाक साबित हो सकता है।
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