Home Health फैटी लिवर के ये 4 संकेत पेट में लाते हैं ‘तबाही’, पाचन हो जाता है तहस-नहस, ये रहा कंट्रोल करने का तरीका

फैटी लिवर के ये 4 संकेत पेट में लाते हैं ‘तबाही’, पाचन हो जाता है तहस-नहस, ये रहा कंट्रोल करने का तरीका

0
फैटी लिवर के ये 4 संकेत पेट में लाते हैं ‘तबाही’, पाचन हो जाता है तहस-नहस, ये रहा कंट्रोल करने का तरीका

[ad_1]

हाइलाइट्स

फैटी लिवर बीमारी से बचनी है तो हेल्दी खाना खाएं. प्लांट बेस्ड फूड फायदेमंद है.
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के लिए शराब जिम्मेदार नहीं होती.

4 Sign Of Fatty Liver: पाचन (digestion) संबंधी बहुत ही खतरनाक बीमारी है फैटी लिवर डिजीज. इस बीमारी में धीरे-धीरे लिवर ही खोखला होने लगता है जिसके कारण पाचन संबंधी भारी परेशानियों से गुजरना पड़ता है. अगर समय पर फैटी लिवर का इलाज न किया जाए तो यह सिरोसिस में परिवर्तित हो जाता है जो जानलेवा बीमारी है. इतना ही नहीं फैटी लिवर डिजीज के कारण लिवर फेल्योर का खतरा भी बढ़ जाता है. पर समय पर निदान और डॉक्टर से इलाज कर इस बीमारी से पूरी तरह बचा जा सकता है.

फैटी लिवर डिजीज दो तरह के होते हैं. एक को अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कहते हैं जबकि दूसरे को नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कहते हैं. अल्कोहलकि फैटी लिवर डिजीज अल्कोहल या शराब के कारण होती है जबकि नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के लिए शराब जिम्मेदार नहीं होती.

इसे भी पढ़ें-लिवर के कोने-कोने से छुपी गंदगी को निकाल देंगे ये 5 फूड, जिंदगीभर के लिए हो जाएंगे बीमारियों से दूर, आज से ही आजमाइए 

क्या है फैटी लिवर डिजीज
फैटी लिवर डिजीज का मतलब है कि लिवर में अतिरिक्त फैट या वसा का जमा हो जाना. लिवर शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है. यह शरीर में करीब 500 तरह का काम करता है. इसलिए इसका हेल्दी होना जरूरी है लेकिन जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन हो जाता है यानी एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा बढ़ने लगती है तो यह लिवर में जाकर जमा होने लगता है जिससे लिवर का कामकाज प्रभावित करता है.

फैटी लिवर डिजीज के 4 संकेत
1. ब्लॉटिंग- टीओआई की खबर के मुताबिक नॉन फैटी लिवर डिजीज में सबसे अधिक पेट फूलने की समस्या होती है. वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी के मुताबिक सिरोसिस के जितने मामले आते हैं, उनमें 80 प्रतिशत ब्लॉटिंग की शिकायत से जूझ रहे होते हैं. दरअसल, एब्डोमिनल केविटी में फ्लूड जमा होने लगता है जो ब्लॉटिंग का कारण बनता है. इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

2. एब्डोमिनल पेन-फैटी लिवर डिजीज के ज्यादातर लक्षण बहुत मामूली होते हैं. शुरुआत में पेट के उपरी हिस्से में कभी-कभी दर्द होता है. इसमें पेट में ऐंठन या मकोड़ भी होता है. गंभीर स्थिति होने पर बेचैनी और भूख नहीं लगती है.

3. अपच-2014 में हुए एक अध्ययन के मुताबिक नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में गैस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स के लक्षण सामान्य है. यानी इस स्थिति में पेट में अपच सामान्य समस्या है. इसमें गैस बनना, पाचन सही से नहीं होना, हर्टबर्न और डकार जैसी समस्याएं भी साथ आती है. दरअसल, भोजन जब नहीं पचता है तो इसमें गैस्ट्रिक जूस मिल जाता है और पेट के उपर की ओर आने लगता है. ऐसे में लगता है कि भोजन वापस में मुंह में आ रहा है.

4. पेट में भारीपन महसूस होना-इसमें आपको लगेगा कि पेट के उपर दाहिने तरफ बहुत अधिक भारीपन हो गया है. जिससे पाचन में दिक्कत होती है और पचे हुए भोजन को बाहर निकालने में दिकक्त होती है. अगर आपको 4 में से दो लक्षण एक साथ दिखें तो आपके तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

फैटी लिवर बीमारी से कैसे बचें
फैटी लिवर बीमारी से बचनी है तो हेल्दी खाना खाएं. प्लांट बेस्ड फूड फायदेमंद है. डाइट में हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन बढ़ा दें. हैवी भोजन, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा तेल वाली चीज, तली-भुनी चीज, सिगरेट, शराब का सेवन हर हाल में बंद कर दें. रेगुलर एक्सरसाइज करें. जिस दिन एक्सरसाइज नहीं हुई है उस दिन सीढ़ियों पर चढ़े-उतरे. इन सबसे पहले एक बार डॉक्टर से जरूर दिखा लें.

इसे भी पढ़ें-पेट को अंदर से सड़ा देती है सूजन, कारण जानकर तुरंत करें समाधान, ये रहा घरेलू नुस्खा

यह भी पढ़ें-गलत भी हो सकती है फास्टिंग शुगर की रिपोर्ट, मैक्स अस्पताल के डॉक्टर से जानें कैसे कराएं सही जांच, ये रहा तरीका

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

[ad_2]

Source link