Home Life Style फैटी लिवर डिजीज से ब्रेन की बीमारियों का भी बढ़ सकता है जोखिम, जानें इसके गंभीर लक्षण

फैटी लिवर डिजीज से ब्रेन की बीमारियों का भी बढ़ सकता है जोखिम, जानें इसके गंभीर लक्षण

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फैटी लिवर डिजीज से ब्रेन की बीमारियों का भी बढ़ सकता है जोखिम, जानें इसके गंभीर लक्षण

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Non Alcoholic Fatty Liver Disease Symptoms: फैटी लिवर डिजीज एक ऐसी समस्या है जो हमारे लाइफ स्टाइल से संबंधित है. जब हमारी लिवर में वसा यानी फैट का जमाव होने लगता है तो उसे फैटी लिवर डिजीज कहते हैं. अधिक धूम्रपान करना, शराब का सेवन करना, अनावश्यक दवाओं का सेवन करने से इस बीमारी के होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. अधिकांश लोगों में इस बीमारी के संकेत नहीं मिलते लेकिन यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो भविष्य में इससे लिवर को भारी नुकसान हो सकता है. शोधकर्ताओं की मानें तो नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) लिवर बीमारी से दिमाग की कई गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है.

हेल्थलाइन की खबर के अनुसार फैटी लिवर के 90 प्रतिशत मामले ऐसे लोगों में पाए जाते हैं जो शराब का सेवन करते हैं. इतना ही नहीं यह बीमारी बच्चों को भी अपनी चपेट में ले सकती है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए तो इस बीमारी के खतरे को कई गुना तक कम किया जा सकता है. फैटी लिवर डिजीज में कुछ ऐसे संकेत भी मिलते हैं जिससे आप यह मालूम कर सकते हैं कि आपका लिवर खराब कंडीशन में हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में….

किन लोगों को है अधिक जोखिम

-हिस्पैनिक या एशियाई लोग
– जिन महिलाओं को पीरियड्स टाइम पर नहीं होते
– जिनमें पेट की चर्बी अधिक है
– अधिक वजन और मोटापे वाले लोग
– हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी वाले लोग
– डायबिटीज से पीड़ित लोग
– उच्च कोलेस्ट्रॉल है
– ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से ग्रसित लोग
– आंखों का रंग पीला होना
– पैरों में हल्की सूजन आना

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लिवर को हेल्दी रखने के लिए क्या करें
– शुगर कंट्रोल करें
– वजन कम करें
– लाइफस्टाइल में बदलाव करें
– कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करें.
– एल्कोहल का सेवन न करें
– मसालेदार खाना खाने से बचें
– जंक फूट को अवाइड करें

फैटी लिवर डिजीज के चरण
पहला चरण: कोई रेड सिग्नल नहीं
गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग के चार चरण होते हैं जो कि रोग के विकास को निर्धारित करते हैं. पहला चरण साधारण वसायुक्त यकृत होता है जिसे स्टीटोसिस कहा जाता है. जब कोशिकाओं में वसा जमने लगता है तो यह कंडीशन होती है. इसमें बीमारी का कोई रेड सिग्नल नहीं मिलता यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोगों को इस बीमारी के बारे में पता नहीं चल पाता.

दूसरा चरण: सूजन
फैटी लिवर डिजीज का दूसरा चरण गैर-मादक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) है. इसमें लिवर की कोशिकाओं में फैट जमने के साथ साथ सूजन भी आ जाती है.

तीसरा चरण: फाइब्रोसिस
इस डीजीज का तीसरा चरण फाइब्रोसिस है यह तब होता है जब लिवर में और लिवर के आसपास की ब्लड कोशिकाओं में स्कार टिश्यू होता है.

चौथा चरण: सिरोसिस
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजी का चौथा चरण सिरोसिस है. बीमारी के इस स्तर पर लिवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है और त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है. पीड़ित को पसलियों में दर्द भी महसूस होने लगता है. पैर में सूजन, उल्टी होना, खून बहना इसके संकेत होते हैं. इससे बचाव के लिए यकृत प्रत्यारोपण ही एक कारगर इलाज है.

Tags: Health, Lifestyle

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