हाइलाइट्स
जो लोग नियमित रूप से फ्रेंच फ्राई का सेवन करते हैं, उनमें एंजाइटी का जोखिम 12 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
ज्यादा फ्राइड चीजों का सेवन किसी भी हाल में हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है.
French fried increase risk of anxiety and depression: आंत का सीधा संबंध हमारे दिमाग से है. हम जो भी चीज खाते हैं, उससे केमिकल निकल कर हमारे दिमाग को सिग्नल देता है. इसमें किसी चीज से हमें फील गुड का अहसास होता है तो किसी से दिमाग थका हुआ महसूस हो जाता है, इसलिए कुछ फूड ऐसे होते हैं, जो आसानी से दिमाग के केंद्र में जाकर खुशी का अहसास दिलाते हैं. इसके लिए डोपामाइन हार्मोन का बहुत बड़ा योगदान होता है. लेकिन यही खुशी कभी-कभी बोरिंग और तनावपूर्ण अहसास में बदल जाता है. यही कारण है कि जिस फूड से हमें खुशी मिलती है, उसे खाने की हमें बार-बार तलब होती है. आमतौर पर जो चीजें तली होती हैं, जैसे कि फ्रेंच फ्राई, वह चीज हमें खुशी भी दिलाती है. वर्षों से हम यही समझ रहे हैं कि जो चीज हमें खाने में अच्छी लगती है उससे हमें फील गुड का अहसास होता है लेकिन एक नई रिसर्च में इस बात को सिरे से नकार दिया गया है.
चीन के हांगझाऊ के शोधकर्ताओं ने पाया है कि फ्रेंच फ्राई जैसी चीजें जिसे खाने के बाद हम खुश होते हैं, दरउसल, उससे खुशी नहीं मिलती बल्कि कुछ समय बाद से ही यह हमारे दिमाग पर नकारात्मक असर डालना शुरू कर देता है.
फ्राइड चिकेन और एग के साथ भी यही समस्या
अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से फ्रेंच फ्राई का सेवन करते हैं, उनमें एंग्जाइटी और एंग्जाइटी से संबंधित समस्याओं से परेशान होने का जोखिम 12 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, जबकि ऐसे लोगों में डिप्रेशन का खतरा भी सात प्रतिशत तक बढ़ जाता है. यह स्टडी पीएनएएस जर्नल में प्रकाशित हुआ है. सबसे बड़ी बात यह है कि फ्रेंच फ्राई से डिप्रेशन और एंग्जाइटी ज्यादातर युवाओं में ज्यादा देखा गया. हालांकि, इस रिसर्च में फिलहाल यह नहीं बताया गया कि अन्य फ्राइ़ड चीजों को खाने से क्या परेशानी होती है, लेकिन शोधकर्ताओं ने कहा कि फ्राइड चिकेन और एग के साथ भी इसी तरह की प्रतिक्रिया शरीर में होगी. यानी अगर आप ज्यादा फ्रेंच फ्राई या अन्य फ्राइड चीजें खाते हैं तो आपको मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ेगा.
हर हाल में हेल्थ के लिए बदतर चीज है फ्रेंच फ्राई
शोधकर्ताओं ने कहा कि जब आप बहुत ज्यादा उदास रहते हों या बहुत ज्यादा चिंता में रहते हों, तब हैवी फ्राइड कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें इसके लिए जिम्मेदार होतीं, जो शुरू में अच्छा महसूस कराती हैं. इससे दिमाग में जो खुशी वाला प्वाइंट है, वह सक्रिय हो जाता है, लेकिन इसके बावजूद एंग्जाइटी की समस्या लगातार बनी रहती है. इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों को लगता है कि और अधिक फ्राइड चीजें खाई जाएं. इसी चक्कर में लोग ज्यादा फ्राइड चीजों का सेवन करने लगते हैं और फिर खाने पर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है.
लेकिन, इससे पहले जो परेशानी सिर्फ बेचैनी और अवसाद के रूप में थी, अब वह मोटापे की ओर भी बढ़ने लगेगी यानी फ्रेंच फ्राइज के कारण एंग्जाइटी और डिप्रेशन परेशान करेगा, बाद में मोटापा सबसे बड़ी परेशानी बनकर सामने आएगा यानी मानसिक परेशानी के साथ-साथ शारीरिक परेशानी भी बढ़ जाएगी. हालांकि, अभी यह साबित नहीं हुआ है कि फ्राइड चीजों को खाने से क्यों एंग्जाइटी, डिप्रेशन बढ़ता है, लेकिन एक चीज तो तय है कि ज्यादा फ्राइड चीजें किसी भी हाल में हेल्थ के लिए अच्छी नहीं हैं.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : May 06, 2023, 05:40 IST