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भारतीय संस्कृति में तुलसी पवित्र मानी जाती है और आयुर्वेद में अमूल्य औषधि है. तुलसी के पत्तों को चबाने से दांतों को नुकसान हो सकता है. धार्मिक दृष्टिकोण से भी इसे चबाना अपवित्र माना जाता है.

हाइलाइट्स
- तुलसी के पत्तों में पारा होता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है.
- धार्मिक दृष्टिकोण से तुलसी को चबाना अपवित्र माना जाता है.
- तुलसी का अर्क या काढ़ा बनाकर सेवन करना बेहतर है.
भारतीय संस्कृति में तुलसी का स्थान बहुत पवित्र माना गया है. हर घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है, और लोग इसे धार्मिक दृष्टि से पूजते हैं. तुलसी को आयुर्वेद में भी अमूल्य औषधि माना गया है, जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती है. तुलसी की चाय, काढ़ा या अर्क अक्सर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन एक सवाल अकसर उठता है कि क्या तुलसी के पत्तों को सीधे चबाना चाहिए? इसका जवाब भी जान लीजिए…
अब सवाल उठता है कि ऐसा क्यों? जब तुलसी इतनी फायदेमंद है, तो उसके पत्तों को चबाने में क्या हानि हो सकती है? आइए इसे वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों पहलुओं से समझते हैं.
क्या है वैज्ञानिक कारण
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, तुलसी के पत्तों में मर्करी (पारा) जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो दांतों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. जब हम तुलसी के पत्ते चबाते हैं, तो उसमें मौजूद पारा दांतों के इनेमल (बाहरी परत) को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है. लंबे समय तक इसे चबाने से दांतों में संवेदनशीलता, दर्द या अन्य डेंटल समस्याएं हो सकती हैं. साथ ही, तुलसी की पत्तियों की सतह पर हल्की तीखी प्रकृति होती है, जो मुंह के अंदरूनी भाग में जलन या घाव भी कर सकती है, खासकर अगर आपकी त्वचा संवेदनशील हो. इसलिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी तुलसी को चबाने के बजाय इसके अर्क या पानी में उबालकर सेवन करने की सलाह देते हैं.
धार्मिक कारण
धार्मिक दृष्टिकोण से, तुलसी एक देवी का रूप मानी जाती है. हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा होती है और इसे बेहद पवित्र माना जाता है. इसलिए माना जाता है कि इसके पत्तों को दांतों से काटना अपवित्रता मानी जाती है. शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पत्तों को केवल हाथों से तोड़कर सीधे निगलना चाहिए, न कि दांतों से चबाना. कुछ मान्यताओं के अनुसार, तुलसी माता को दांतों से काटना उनके अपमान के समान है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है. इस कारण से कई लोग तुलसी का सेवन करते समय पहले उसे तोड़कर पीसते हैं या पानी में उबालकर काढ़ा बनाते हैं.
क्या है सही तरीका?
अगर आप तुलसी के पत्तों के फायदे लेना चाहते हैं तो आप इन्हें सुबह खाली पेट पानी में उबालकर चाय की तरह पी सकते हैं. आप तुलसी की कुछ पत्तियों को शहद या अदरक के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं. इससे तुलसी के औषधीय गुण भी मिलते हैं और दांतों को नुकसान भी नहीं पहुंचता.
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 2 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 2 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें
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