Home World बंधक बच्चों के साथ हमास कैसा करता था सलूक, जानकर कांप जाएगी रूह

बंधक बच्चों के साथ हमास कैसा करता था सलूक, जानकर कांप जाएगी रूह

0
बंधक बच्चों के साथ हमास कैसा करता था सलूक, जानकर कांप जाएगी रूह

[ad_1]

हमास की कैद से छूटे बंधक बच्चे।- India TV Hindi

Image Source : FILE
हमास की कैद से छूटे बंधक बच्चे।

Israel Hamas War: इजराइल और हमास के बीच जंग 7 अक्टूबर से चल रही है। हालांकि अस्थाई तौर पर संघर्ष विराम हुआ है। यह पहले चार दिन का था। फिर दो दिन और उसके बाद एक दिन और बढ़ा दिया गया। ​ताकि कैदियों और बंधकों की सुचारू अदला बदली की जा सके। हमास ने अभी तक महिलाओं और बच्चों को रिहा किया है। हमास की कैद से छूटे बंधक गाजा की सुरंगों में बंधक के रूप में बिताए दिनों के डराने और चौंकाने वाले अनुभव साझा कर रहे हैं।

गर्म साइलेंसर पैर पर रखते ही बच्चों की छूटती थी चीख

बंधकों ने बताया कि हमास के आतंकी बंधकों के साथ मारपीट तो करते ही थे, लेकिन बंधकों को भी नहीं बख्शते थे। हमास के आतंकी बंधक बच्चों की कोई एक खास पहचान बनाना चाहते थे, ताकि उन्हें पहचाना जा सके। इसके लिए उन्होंने बच्चों के पैरों पर बाइक के गर्म साइलेंसर रखकर जला दिए। साइलेंसर पैर पर रखते ही मासूम बच्चों की चीख निकल जाती थी। 

पुरानी कहानियों सुनने का मिलता था, वो तरीका अपनाया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास के लड़ाके अपहरण करने के बाद बार-बार बच्चों की जगह बदल रहे थे। ऐसे में वह कोई खास पहचान चाहते थे, जिससे पता चल जाए कि ये बच्चे अपहरण कर लाए गए हैं। ऐसे में उन्होंने ये तरीका अपनाया जो पुराने समय की कहानियों में सुनने को मिलता है। उन्होंने बच्चों के एक पैर को मोटरसाइकिल के साइलेंसर में डाला, जिससे पैर पर जले हुए का निशान बन गया। बच्चों को चिह्नित करने के अलावा ये इस लिहाज से भी किया गया था कि अगर वे भागने की कोशिश करें तो उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके।

बच्चों को दिया जाता था नशा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमास की कैद से रिहा हुए हमास की कैद से छूटे किबुत्ज नीर ओज के 12 साल यागि और 16 वर्षीय ओर याकोव के परिवार ने ये जानकारी दी है। बंधक बनाए गए इन बच्चों के चाचा ने बताया कि बच्चों को लगातार नशीला पदार्थ भी दिया जा रहा था। इन बच्चों को हमास के आतंकी बार बार नशीली दवाएं खिलाते थे और उनका स्थान एक जगह से दूसरी जगह बदला जाता था। बच्चों को नशा इसलिए दिया जाता था, जिससे कि उन्हें वाहन में डालकर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके।

Latest World News



[ad_2]

Source link