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Tips To Deal Difficult Teenagers: अगर आपको भी अपने टीनएज बच्चे से इस बात की शिकायत रहती है कि वो आपकी कोई बात आसानी से नहीं सुनता और हमेशा अपनी मनमानी करता रहता है तो यह खबर आपके लिए ही है। जी हां, आजकल ज्यादातर माओं की अपने बच्चों से यही एक कॉमन शिकायत रहती है कि उनके बच्चे मनमानी करते रहते हैं। ऐसे में उन्हें डील करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि टीनेजर बच्चों को आप ना तो बच्चों की तरह डील कर सकते हैं और ना ही अडल्ट्स की तरह। यह वह उम्र होती है जब बच्चा अपने आसपास होने वाले हर चेंज से प्रभावित होता है, जिसकी वजह से उसका नेचर कभी गुस्सैल तो कभी जिद्दी हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर टीनएज बच्चे इस उम्र में क्यों करने लगते हैं मनमानी और आप कैसे उन्हें स्मार्ट तरीके से कर सकते हैं डील।
टीनएज बच्चों के मनमानी करने के पीछे ये होती है वजह-
टीनएज उम्र में बच्चों के शरीर में कई तरह के हार्मोन बदलाव होते रहते हैं। शरीर में होने वाले इन हार्मोनल बदलाव का असर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जिसकी वजह से वो कभी गुस्सा तो कभी चिड़चिड़ा महसूस करते हैं। लेकिन पैरेंट्स को लगता है कि उनका बच्चा मनमानी कर रहा है। बता दें, टीनएज में स्वभाव में थोड़ा-बहुत बदलाव होना सामान्य बात है, लेकिन अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा गुस्सैल या जिद्दी हो रहा है, तो आप उसे कुछ टिप्स अपनाकर कंट्रोल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
टीनएज बच्चों की मनमानी को डील करने के टिप्स-
कोई भी चीज खरीदते समय उसकी राय भी लें-
अगर आप घर पर खाने-पीने की कोई चीज मंगवा रहे हैं तो ऑर्डर करने से पहले बच्चे की राय भी जरूर शामिल करें। ऐसा करने से उसे अच्छा महसूस होगा। लेकिन राय लेने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप की हर अच्छी बुरी बात मानने लगें। उदाहरण के लिए अगर आपका बच्चा खाने के लिए कुछ अनहेल्दी चीज मंगवाना चाहता है तो उसे समझाएं कि यह उसकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।
बच्चों को ज्वाइन करवाएं हॉबी क्लास-
टीनएज उम्र में बच्चों को हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ सकता है। ऐसे में उनके गुस्से को शांत करने और एनर्जी का सही इस्तेमाल करवाने के लिए उन्हें एक्स्ट्रा एक्टिविटीज ज्वाइन करवा दें। ऐसा करने से बच्चों की ग्रोथ अच्छी होने के साथ उनका गुस्सा भी कम होगा।
डांटने या मारने से बचें-
टीनएज में अकसर बच्चों से गलतियां हो जाती हैं। ऐसे में उन्हें डांटने और पीटने की जगह समझाने की कोशिश करें। बच्चों को अपनी गलती स्वीकारना सिखाएं। अगर बच्चा गलती करने पर माफी मांग लेता है, तो आप उसे माफ कर दें।