Monday, July 8, 2024
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बच्चों को कहानियां सुनाकर सिखाएं जीवन के कई महत्वपूर्ण पाठ, होंगे ढेरों फायदे, बच्चा बनेगा समझदार


हाइलाइट्स

कहानी सुनाना बच्चों के सुनने के कौशल को प्रोत्साहित करता है.
बच्चों को कहानी के जरिए अच्छी सीख दी जाए तो कई बड़े फायदे हो सकते हैं.

Benefits of story telling to children: हम अपने दादा-दादी, माता-पिता और परिवार के अन्य बुजुर्गों द्वारा सुनाई गई कहानियों को सुनकर बड़े हुए हैं. वे पुराने दिन काफी अच्छे थे, जब हम अपनी दादी या नानी के पास लेटते थे और वे हमें अपनी कहानियों के साथ काल्पनिक यात्राओं पर ले जाते थे जैसे बीरबल की बुद्धि, पांडवों की धार्मिकता, विक्रम और बेताल वगैरह की कहानियां. ये वही कहानियां थीं, जिन्होंने हमें अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पाठ सीखने में मदद की. उन्होंने हमें अच्छे और बुरे के बारे में सिखाया. हालांकि, अब, तकनीक हमारे जीवन पर आक्रमण कर रही है. एकल परिवार और कामकाजी माता-पिता सामाजिक व्यवस्था पर हावी हो रहे हैं. कहानी कहने की कला दुर्लभ हो गई है. यदि अब भी बच्चों को कहानी के जरिए अच्छी सीख दी जाए तो कई बड़े फायदे हो सकते हैं…

नई शब्दावली का परिचय
कहानी सुनाने का एक बड़ा फायदा यह है कि बच्चे की शब्दावली बढ़ती है. यदि बच्चे को को कहानियां सुनने का शौक है, तो समय निकाल कर जरूर सुनाएं. कहानियों में कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जिनका अर्थ बच्चे नहीं जानते-समझते, उन्हें उसका अर्थ भी बताएं. इससे वह डेली नई शब्दावली सीखेगा.

सुनने के कौशल को मिलता है बढ़ावा
अध्ययनों में साबित हुआ है कि शैशवावस्था वह अवधि है, जब बच्चे उन अधिकांश शब्दों को कैच कर लेते हैं, जिनका वे बाद में अपने जीवन में उपयोग करते हैं. इसलिए, शिशुओं को भी कहानियां सुनाना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जब वे बड़े होते हैं, तो कहानी सुनाना बच्चों के सुनने के कौशल को प्रोत्साहित करता है और बढ़ाता है. आमतौर पर बच्चे सुनने की बजाय बात करना अधिक पसंद करते हैं, पर वे अच्छे श्रोता नहीं होते हैं, लेकिन जब उनमें कहानियां सुनने की आदत डाली जाती है तो वे बेहतर श्रोता भी बन जाते हैं.

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लैपटॉप पर कहानियां बनाम बड़ों द्वारा सुनाई गई कहानियां 
लैपटॉप पर कहानियां पढ़ने से कहीं बेहतर है बड़ों द्वारा सुनाई गई कहानियां. तकनीक द्वारा प्रदान कहानी कहने की कला के लिए अभिशाप बन गया है. शिक्षा सलाहकार दीपा कहती हैं, “कहानी सुनाना एक संवादात्मक गतिविधि है, लेकिन डिजिटल माध्यमों पर यह एक तरफ़ा चीज़ बन जाती है. वह कहती हैं कि डिजिटल कहानी कहना कम मानवीय है.

पिछले कुछ वर्षों में कहानी कहने की कला कैसे बदल गई है, इस बारे में दीपा बताती हैं, “कई माता-पिता को लगता है कि इंटरनेट पर कहानियां दिखाना, उन्हें सुनाने जितना ही अच्छा है, लेकिन यह सही नहीं है.

सीखने का बेहतर तरीका
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, बच्चे प्रश्न पूछने शुरू कर देते हैं. यह सीखने की एक बेहतरीन गतिविधि है. कहानी सुनाने वालों को बच्चे को जिज्ञासु बनाने के तरीकों का उपयोग करना चाहिए और उन्हें प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

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बच्चे में याददाश्त क्षमता तब बढ़ जाती है, जब उसे किसी कहानी से कुछ याद करने के लिए कहा जाता है. बच्चों के साथ काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों को कभी-कभी उन पात्रों के साथ एक छोटी कहानी बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिनके बारे में उन्हें बताया गया है. यह बच्चे को बताई जा रही कहानियों में अधिक रुचि पैदा करता है.

Tags: Lifestyle, Parenting, Parenting tips



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