
हाइलाइट्स
बच्चों के गुणों का बखान करके आप उन्हें फिर से मोटिवेट कर सकते हैं.
रिजेक्शन मिलने पर आप बच्चों को गलतियां सुधारने की सलाह दे सकते हैं.
Parenting Tips: पैरेंट्स हमेशा बच्चों को कामयाब होने की सलाह देते हैं. वहीं, माता-पिता को खुश करने के लिए बच्चे भी हर क्षेत्र में अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देते हैं. हालांकि, हर बार सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वाले बच्चे फेलियर का सामना नहीं कर पाते हैं. ऐसे में माता-पिता कुछ आसान पैरेंटिंग टिप्स (Parenting tips) की मदद से बच्चों को लाइफ में रिजेक्शन हैंडल करना सिखा सकते हैं.
जिंदगी में अक्सर उतार-चढ़ाव आते रहते हैं मगर सिर्फ सक्सेस पाने की चाह रखने वाले बच्चे कई बार रिजेक्शन को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. ऐसे में माता-पिता का फर्ज है कि वो बच्चों को जिंदगी की इस हकीकत से भी रूबरू करवाएं. जिससे बच्चे हार मानने की बजाए हर मुश्किल से लड़कर आगे बढ़ना सीखेंगे. तो आइए जानते हैं बच्चों के लिए कुछ खास पेरेंटिंग टिप्स.
बच्चों की खूबियों को पहचानें
कई बार स्कूल या स्पोर्ट्स में ट्रॉफी जीतने पर पैरेंट्स बच्चों के गुणों को नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में अवॉर्ड की तारीफ करने से बेहतर है कि आप बच्चे की कोशिशों और मेहनत की सराहना करें. इससे बच्चे खुद अपनी खूबियों को समझेंगे. वहीं जिंदगी में रिजेक्शन फेस करने पर बच्चे हार को दिल से लगाने की बजाए अपने गुणों को निखारने पर जोर देंगे.
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बेस्ट परफॉर्म करने की सलाह दें
बच्चों के फेलियर पर पेरेंट्स कई बार उनकी कमियों को गलत तरीके से गिनाते हैं. ऐसे में आपकी निगेटिव बातों से बच्चों का मनोबल टूटने लगता है. इसलिए बच्चों के सामने निगेटिव बातें ना करें. ऐसे में बच्चों को समझाएं कि जीत या हार ज्यादा मायने नहीं रखती है. उन्हें बस हर फील्ड में अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देनी है. इससे बच्चा काफी मोटिवेटेड महसूस करेगा.
गलती सुधारने में मदद करें
कई बार बच्चे रिजेक्शन को दिल पर लगा लेते हैं. ऐसे में हार के बारे में सोचने से ज्यादा हार की वजहों पर फोकस करें. वहीं बच्चे को उसकी कमियों के बारे में बताएं और उसे सुधारने की सलाह दें. इससे बच्चे पहले से ज्यादा बेहतर बनकर उभरेंगे और उनकी यही आदत आगे चल कर पर्सनैलिटी डेवलेपमेंट में अहम भूमिका निभाएगी.
ब्लेम करने से बचें
लाइफ में रिजेक्शन मिलने पर ज्यादातर बच्चे अपनी गलतियों का दोष दूसरों पर डाल देते हैं. वहीं, गलतियों पर पर्दा डालने से बच्चों की खामियां भी दूर नहीं होती हैं. ऐसे में बच्चों को असफलता की जिम्मेदारी लेना सिखाएं, जिससे बच्चे अपनी कमियों को समझेंगे और उसे ठीक करने कोशिश में लग जाएंगे.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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Tags: Child Care, Lifestyle, Parenting
FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 08:07 IST