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Benefits Of Saying No To Children: अनुशासन का मतलब सख्ती नहीं है, बल्कि यह बच्चों को जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बनाने का तरीका है. उदाहरण के लिए, अगर बच्चा लगातार चॉकलेट मांग रहा है और माता-पिता उसे हर बार दे रहे …और पढ़ें
Why Children Need Boundaries: अनुशासन बच्चों को जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करता है. यह उन्हें यह समझने में मदद करता है कि हर चीज़ उनकी इच्छानुसार नहीं हो सकती. बच्चों को ‘न’ कहने से वे निराशा और अस्वीकृति को संभालना सीखते हैं, जो उनके जीवन के अन्य पहलुओं में भी काफी मददगार साबित होता है. Image: Canva

मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि अनुशासन का मतलब सख्ती नहीं है, बल्कि यह बच्चों को जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बनाने का तरीका है. उदाहरण के लिए, अगर बच्चा लगातार चॉकलेट मांग रहा है और माता-पिता उसे हर बार दे रहे हैं, तो इससे बच्चे को अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने की आदत नहीं लगेगी. Image: Canva

बाउंड्री सेट करना क्यों है महत्वपूर्ण? दरअसल बाउंड्री बच्चों को यह सिखाती हैं कि हर चीज़ की एक सीमा होती है. इससे बच्चों में आत्म-नियंत्रण की भावना विकसित होती है और वे समझते हैं कि दूसरों की भावनाओं और जरूरतों का भी सम्मान करना जरूरी है. Image: Canva

अगर माता-पिता हर बार बच्चों की बात मान लेते हैं, तो इससे बच्चे यह मान सकते हैं कि दुनिया उनकी इच्छाओं के इर्द-गिर्द घूमती है. बाउंड्री सेट करने का मतलब है बच्चों को यह सिखाना कि समाज में रहते हुए हर किसी के अधिकार और कर्तव्य होते हैं. Image: Canva

बच्चों को ‘न’ कहना कैसे है फायदेमंद? बच्चों को ‘न’ कहने से वे यह समझ पाते हैं कि हर चीज़ उनकी मर्जी के अनुसार नहीं हो सकती. जब बच्चे को ‘न’ कहा जाता है, तो वह सोचने लगता है कि अपनी इच्छाओं को पूरा करने का दूसरा तरीका क्या हो सकता है. बच्चों को अस्वीकृति को संभालने की कला सीखने का मौका मिलता है. यह उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है, क्योंकि वे यह समझने लगते हैं कि हर बार उनकी मदद नहीं की जाएगी. Image: Canva

पेरेंट्स के लिए टिप्स- जब आप ‘न’ कहें, तो अपने फैसले पर अडिग रहें. इससे बच्चे को यह समझने में मदद मिलेगी कि आप अपनी बात पर कायम हैं. बेहतर होगा कि ‘न’ कहने के साथ बच्चे को एक वैकल्पिक समाधान दें. उदाहरण के लिए, “अभी आइसक्रीम नहीं, लेकिन डिनर के बाद खा सकते हैं.” ‘न’ कहते समय अपनी बात को प्यार और दृढ़ता के साथ कहें. इससे बच्चे को यह महसूस होगा कि यह उसकी भलाई के लिए है. अपने व्यवहार से बच्चों को सिखाएं कि सीमाओं का पालन कैसे किया जाता है. Image: Canva

बच्चों को हमेशा ‘हां’ कहने का निगेटिव असर- अगर बच्चों को हर बार उनकी इच्छा पूरी की जाती है, तो वे स्वार्थी और आत्म-केंद्रित हो सकते हैं. उन्हें जीवन की वास्तविकताओं को संभालने में दिक्कत हो सकती है और वे निराशा या अस्वीकृति को सहन करने में कमजोर हो सकते हैं. Image: Canva

बच्चों को ‘न’ कहना उनके संपूर्ण विकास के लिए बेहद जरूरी है. यह उन्हें अनुशासन, आत्म-नियंत्रण, और दूसरों के प्रति संवेदनशीलता सिखाता है. माता-पिता को समझना चाहिए कि ‘न’ कहना बच्चों को सजा देने का तरीका नहीं है, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार और परिपक्व इंसान बनाने का कदम है. Image: Canva