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हाइलाइट्स
बच्चों को निगेटिव लोगों से दूर रखकर आप उन्हें पॉजिटिव पर्सनैलिटी बना सकते हैं.
बच्चों की अच्छाइयों पर ध्यान देकर आप उन्हें पॉजिटिव थिकिंग रखना सिखा सकते हैं.
How to Develop Positive Thinking in Children: बच्चों की बेहतर ग्रोथ के लिए घर में पॉजिटिविटी मेंटेन होना भी बेहद जरूरी होता है. ऐसे में पेरेंट्स अक्सर घर की प्रॉब्लम्स को बच्चों से दूर रखते हैं. जिससे बच्चों पर परेशानियों का बुरा असर नहीं पड़ता है. हालांकि कई बार पैरेंट्स के लाख चाहने के बावजूद बच्चों की सोच निगेटिव हो जाती है. ऐसे में कुछ पैरेंटिंग टिप्स फॉलो करके आप बच्चों की थिकिंग को पॉजिटिव (Positive thinking) बना सकते हैं.
निगेटिविटी का असर बच्चों की डेली लाइफ के साथ-साथ उनके भविष्य पर भी पड़ता है. ऐसे में बच्चे खुश रहने की बजाए कम उम्र से ही तनाव, गुस्से और चिड़चिड़ेपन का शिकार हो जाते हैं. तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ जरूरी पेरेटिंग टिप्स के बारे में, जिसकी मदद से आप बच्चों के अंदर पॉजिटिविटी मेंटेन रख सकते हैं.
बच्चों से बात करें
कई बार पेरेंट्स बच्चों के सामने अपने दिल की बात नहीं कहते हैं. जिससे बच्चे भी मन की बात को मन में छुपा लेते हैं. ऐसे में बच्चों के साथ बैठकर बात करें और उनसे अपनी फीलिंग्स शेयर करना ना भूलें. इससे बच्चे भी आपसे खुलकर बात करेंगे और आप उनकी नकारात्मक सोच को दूर कर सकेंगे.
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गलती गिनाने से बचें
बच्चों की पॉजिटिव थिंकिंग बरकरार रखने के लिए सबसे पहले आपको अपनी सोच सकारात्मक बनानी होगी. ऐसे में हर समय बच्चों की कमियां निकालने से बचें और ज्यादा से ज्यादा बच्चों की अच्छाईयां नोटिस करें. इससे बच्चे भी दूसरों के अंदर अच्छाई ढूंढेंगे और वो निगेटिविटी का शिकार होने से बच सकेंगे.
निगेटिव लोगों से दूर रखें
बच्चों पर संगत का असर काफी जल्दी पड़ता है. ऐसे में बच्चों को निगेटिव लोगों के संपर्क में आने से रोकें. इससे बच्चे भी निगेटिविटी की चपेट में आ सकते हैं. वहीं पॉजिटिव सोच वाले लोगों के बीच में रहकर आप बच्चों के सकारात्मक विचारों को भी बल दे सकते हैं.
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खुद को पॉजिटिव रखें
बच्चों के अंदर पॉजिटिविटी का विकास करने से पहले खुद को पॉजिटिव पर्सनालिटी बनाने पर जोर दें. इससे बच्चे आपको अपना रोल मॉडल समझने लगेंगे और बच्चे भी पॉजिटिव रहने की पूरी कोशिश करेंगे.
असफलता का सामना करें
सक्सेस और फेलियर दोनों जिंदगी का हिस्सा होता है. ऐसे में असफलता हाथ लगने के बाद बच्चों को निगेटिव सोचने से रोकें. साथ ही उन्हें फेलियर से सीख लेकर जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा दें. जिससे बच्चों में पॉजिटिविटी का विकास होगा.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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Tags: Child Care, Lifestyle, Parenting
FIRST PUBLISHED : April 26, 2023, 06:45 IST
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