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Bajrang Punia
भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया और दीपक पूनिया पिछले कुछ समय से लगातार विवादों का हिस्सा रहे हैं। हालांकि अब इन दोनों ही खिलाड़ियों को खेल मंत्रालय से बिना किसी ट्रायल के वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने की इजाजत मिल गई है। वहीं ये दोनों खिलाड़ी एशियन गेम्स से पहले विदेश में अपनी तैयारियां करेंगे। खेल मंत्रालय के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) ने दोनों पहलवानों के फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त मुहैया कराने पर उनके विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल में भाग नहीं लेने और एशियाई खेलों तक विदेश में प्रशिक्षण लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
विदेश जाना चाहते हैं बजरंग
साई चाहता था कि ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल में शामिल हों और अगर वह पटियाला में इस सप्ताह होने वाले ट्रायल से छूट चाहते हैं तो फिटनेस प्रमाणपत्र प्रदान करें। बजरंग 25 और 26 अगस्त को विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल में भाग नहीं लेने की योजना बना रहे हैं। वह 23 सितंबर से हांगझोउ में शुरू होने वाले एशियाई खेलों की तैयारी के लिए विदेश में अभ्यास करना चाहते हैं। बजरंग भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने वाले 6 पहलवानों में शामिल थे। उनके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता दीपक पूनिया (86 किग्रा) भी 16 सितंबर से बेलग्रेड में विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने के इच्छुक नहीं हैं। दीपक भी एशियाई खेलों की तैयारी के लिए लंबे समय तक विदेश में अभ्यास करना चाहते हैं।
बजरंग को मिला था प्रस्ताव
साई ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा कि हमें 18 अगस्त को बजरंग का प्रस्ताव मिला था। वह किर्गिस्तान (21 अगस्त-28 सितंबर) में 39 दिनों के लिए अपने लिए फिजियोथेरेपिस्ट अनुज गुप्ता, निजी कोच सुजीत मान, ‘स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग’ विशेषज्ञ काजी किरण मुस्तफा हसन और ‘स्पैरिंग पार्टनर’ जीतेंद्र किन्हा के साथ अभ्यास करना चाहते है। दीपक एशियाई खेलों से पहले पांच सप्ताह (23 अगस्त से 28 सितंबर) तक खासाव्युर्ट (रूस) में प्रशिक्षण लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों की मांग पर समिति ने चर्चा की। समिति ने बजरंग और दीपक दोनों के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी, जिसमें विदेश जाने से पहले सीनियर विश्व चैंपियनशिप ट्रायल में भाग न लेने के उचित कारण के साथ फिटनेस प्रमाणपत्र प्रदान करने की शर्त थी।
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