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प्रतीकात्मक फोटो।
कराची: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में शनिवार को एक वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल लतीफ बलूच की अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना उस समय हुई जब उन्होंने अपहरण की कोशिश का विरोध किया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब्दुल लतीफ बलूच क्वेटा स्थित ‘डेली इंतिखाब’ समाचार पत्र में कार्यरत थे और लंबे समय से स्थानीय मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे।
घर में घुसकर की हत्या
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) दानियाल काकर ने बताया कि शनिवार को कुछ अज्ञात बंदूकधारी बलूच के घर में घुसे और उन्हें जबरन उठाने की कोशिश की। जब पत्रकार ने इसका विरोध किया, तो हमलावरों ने उन्हें मौके पर ही गोली मार दी और फरार हो गए। “अब्दुल लतीफ बलूच ने अपहरणकर्ताओं का विरोध किया, जिसके चलते उन्हें गोली मार दी गई,”। पुलिस का कहना है कि हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है और रविवार सुबह तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। जांच जारी है और घटनास्थल से सबूत जुटाए जा रहे हैं।
पहले बेटे को भी बनाया था निशाना
यह पहली बार नहीं है जब बलूच परिवार को निशाना बनाया गया हो। कुछ महीने पहले अब्दुल लतीफ बलूच के बड़े बेटे का अपहरण कर लिया गया था, और बाद में उसका शव बरामद हुआ था। अब पत्रकार की खुद हत्या हो जाने से परिवार गहरे सदमे में है।
पत्रकार संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (PFUJ) समेत कई मीडिया और मानवाधिकार संगठनों ने अब्दुल लतीफ बलूच की हत्या की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान की जाए और हमलावरों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। “यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है और सरकार को इस पर कठोर कदम उठाना चाहिए।” – PFUJ बयान
पाकिस्तान में पत्रकारों की स्थिति चिंताजनक
पाकिस्तान में पत्रकारों की सुरक्षा लंबे समय से एक चिंता का विषय रही है। बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में पत्रकारों को नियमित धमकियों, हिंसा और हत्याओं का सामना करना पड़ता है।अब्दुल लतीफ बलूच की हत्या ने एक बार फिर इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर कर दिया है। (भाषा)
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