कानपुर की रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें टिकट के पीछे लिखे जाने वाले रुपये भूल जाना व खुले पैसे के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। रोडवेज प्रबंधन ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए कानपुर रीजन में एक साथ क्यूआर कोड वाली टिकट मशीन दे दी है। यात्री अब इस मशीनों के जरिए किराए की राशि डिजिटल यूपीआई के जरिए भुगतान कर सकेगा।
रोज आठ से दस शिकायतें होती थीं दर्ज
कानपुर रीजन में बचे पैसे लिए बगैर उतर जाने की औसतन-आठ शिकायतें दर्ज होती थीं। अधिकतर मामलों में यात्री को न तो बस का नंबर पता होता था और न ही डिपो का। इस चक्कर में दर्ज होने वाली शिकायतों के बावजूद यात्री की समस्या हल नहीं होता था। कानपुर रीजन में जनवरी से 30 नवंबर तक 287 पैसे भूल जाने के मामले आए। इसमें 16 यात्रियों का ही पैसा मिला।
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इस तरह काम करेगी मशीन
रोडवेज के कंडक्टरों को दी गई मशीन में जैसे ही कोई यात्री टिकट के लिए कहेगा। कंडक्टर टिकट मशीन में रूट वाला बटन दबाएगा। इसके बाद गंतव्य स्थान का कोड अंकित करेगा। इतना करते ही किराया स्क्रीन पर दिखेगा। दो सेकेंड में मशीन में क्यूआर कोड दिखने लगेगा। यात्री कोड को स्कैन कर डिजिटल उतनी राशि का भुगतान कर देगा, जितनी राशि किराए में दिखी।
बसों का ब्योरा एक नजर
कुल बसें रीजन में 545
एसी बसें 60
जनरल बसें 485
कंडक्टर 585 (इतनी मशीनें मिलीं रीजन को)
कानपुर रीजन, क्षेत्रीय प्रबंधक, लव कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आधुनिक टिकट मशीन से एक तो पारदर्शिता होगी कि किस यात्री ने भुगतान किया या नहीं। कई बार कंडक्टर कह देते थे कि यात्री ने टिकट नहीं लिया और न ही पैसा दिया। इसके अलावा टिकट के पीछे बची राशि लौटाने की समस्या डिजिटल भुगतान करने में खत्म हो जाएगी। कंडक्टर को भी राहत मिलेगी।