बेटियां हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं। इनमें जोखिम भरे कामों को करने का अदम्य साहस होता है। ताजा उदाहरण रोडवेज बस चालक भर्ती को लेकर है। दरअसल, रोडवेज व कौशल विकास मिशन के तहत शुरू हो रहे दूसरे महिला ड्राइवर प्रशिक्षण में कानपुर की बेटियों का जलवा रहा। कुल 17 आवेदनों में पांच महिलाएं कानपुर की हैं।
एलएमवी लाइसेंसधारियों को सीधे प्रशिक्षण
बस ड्राइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम में आवेदन करने वाली जिन महिलाओं के पास एलएमवी लाइसेंस पहले से बना है तो उन्हें सीधे कामर्शियल व्हीकल ड्राइवर लेवल-4 का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे इन महिलाओं का तीन महीने का समय बचेगा।
आवेदकों की योग्यता
न्यूनतम योग्यता कक्षा आठवीं पास, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, एक फोटो, लंबाई पांच फुट तीन इंच, अधिकतम आयु 34 साल।
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इन जिलों से मिले आवेदन
– शुभी कटियार, शबनूर, दीपिका देवी, गुड़िया देवी, स्वाती – सभी कानपुर कीं।
– गीता शर्मा-लखनऊ, प्रियंका रायबरेली, अंजू देवी औरैया, प्रभा आगरा, आराधना शर्मा जालौन, श्वेता सिंह, रायबरेली, सरिता देवी चित्रकूटधाम, अल्का देवी, फतेहपुर, पूनम कुमारी, आगरा, प्रेमलता, बस्ती, सीमादेवी, प्रतापगढ़, साक्षी गर्ग मेरठ की हैं।
तीन साल पहले शुरू हुआ था प्रशिक्षण कैंप
कौशल विकास मिशन ने रोडवेज प्रबंधन के साथ मिलकर कानपुर के ट्रेनिंग सेंटर में महिला बस ड्राइविंग प्रशिक्षण तीन साल पहले शुरू किया था। इससे ट्रेनिंग लेकर 17 महिलाएं जा चुकी हैं।
नौ डिपो में 17 महिलाएं चला रही बसें
देश के पहले महिला कॉमर्शियल व्हीकल का प्रशिक्षण लेकर निकलीं 17 महिलाएं यूपी रोडवेज के नौ डिपो में बसें चला रही हैं। वैसे तो 27 महिलाएं प्रशिक्षण के लिए चयनित हुई थी पर बाद में 17 ने ही बस चलाना शुरू किया।
सभी चीजें बताने के बाद ही आवेदन
विकासनगर के रोडवेज ट्रेनिंग सेंटर के प्रधानाचार्य, एसपी सिंह ने कहा कि महिलाएं कॉमर्शियल वाहन प्रशिक्षण के लिए उत्साहित होकर आवेदन करती हैं पर बीच में छोड़ देती है। इस वजह से अबकी बार आवेदन के साथ ही उनसे बातचीत कर सारी चीजें स्पष्ट रूप से बताई जाती है। संतुष्टि होने के बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए योग्य करार दिया जाता है।