भोपाल: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बीते कुछ समय से सुर्खियों में छाए हुए हैं। हालही में 13 से 19 फरवरी तक पूरे 7 दिनों उन्होंने शक्ति प्रदर्शन भी किया था। उनके मंच के सामने हजारों की भीड़ नजर आती है और शायद यही वजह है कि नेता पक्ष हो या विपक्ष सभी उनके दरबार में हाजिरी लगाए हुए पाए जाते हैं। गौरतलब है कि धीरेंद्र शास्त्री लगातार हिंदू राष्ट्र और अखंड भारत के लिए नारा बुलंद कर रहे हैं। उनकी हिंदुत्ववादी छवि के होते हुए भी विपक्ष के नेता उनके दरबार में देखे जाते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री के धार्मिक और सामाजिक बढ़ते कद के साथ-साथ उनका प्रभाव वोटों की राजनीति पर भी पड़ सकता है। शायद यही वजह है कि बीजेपी हो या कांग्रेस, उनके नेता बाबा के दरबार में रहते हैं। धीरेंद्र होली उत्सव को पसंद करते हैं और इस बार उन्होंने होली आयोजन को भी राष्ट्रीय स्तर का बना डाला। हालात ये रहे कि 2 दिन पहले से ही हजारों की संख्या में लोग चेन पुलिंग करके और ट्रैफिक व्यवस्था को धता बताकर बाबा के संग होली खेलने को बेकरार नजर आए।
क्या सियासत की पिच मजबूत कर रहे पक्ष-विपक्ष के नेता?
धीरेंद्र शास्त्री ने जहां 13 से 19 फरवरी को 7 दिनों का शक्ति प्रदर्शन किया था, उसी जगह पर होली का भव्य आयोजन किया। वृंदावन की रंग लीला मंचन करने वाली टीम मंच पर आई। इस दौरान बाबा भी वहां मौजूद थे और दर्जनों की संख्या में भाजपा और कांग्रेस के नेता भी मौजूद थे। दरअसल दोनों दलों के नेता जानते हैं कि बाबा जहां धर्म की ध्वज पताका फहरा रहे हैं, वहीं उनका साथ होने से सियासत की पिच भी मजबूत हो सकती है।
इस दौरान मंच पर छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा के भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी, कांग्रेस के महाराजपुर विधानसभा के विधायक नीरज दीक्षित, भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री ललिता यादव और बाबा के खास माने जाने वाले कांग्रेस के छतरपुर विधायक आलोक पज्जन चतुर्वेदी मौजूद रहे।
पूर्व सीएम और वर्तमान सीएम भी बाबा के दरबार में लगा चुके हाजिरी
ये पहली बार नहीं था, जब बाबा के धार्मिक आयोजन में सियासी उपस्थिति दिखाई दी हो। 13 से 19 फरवरी तक चले बाबा के आयोजन में जहां गांव गढ़ा में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को दंडवत होते देखा गया, वहीं 18 फरवरी को कन्या विवाह उत्सव में शिवराज सिंह चौहान भी बाबा की जय जय करते नजर आए।
दरअसल 2023 के चुनाव में चंद महीने बाकी हैं और दोनों पार्टियां जानती हैं कि सत्ता के सिंहासन का रास्ता धर्म की मजबूत सड़क से ही होकर जाता है। बाबा का प्रभाव न केवल बुंदेलखंड की 30 से 35 सीटों पर है बल्कि बघेलखंड महाकौशल और मध्य की भी दर्जनों सीटों पर है। यही वजह है कि सियासत अब बाबा के दरबार में पलकें बिछाई दिखाई दे रही है।
ये भी पढ़ें-
दिल्ली: भजनपुरा के विजय पार्क इलाके में भरभराकर गिरी बिल्डिंग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, देखें VIDEO