Monday, July 8, 2024
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बात-बात पर गुस्सा-बहस करने लगा है आपका लाडला? डाटने के बजाय पैरेंट्स दिखाएं समझदारी, बागी होने से बचा रहेगा


हाइलाइट्स

हमारे नटखट और प्यारे बच्चे अचानक से अजीबोगरीब लगने लगते हैं.
पैरेंट्स जबतक समझ पाते वे बात-बात पर बहस-गुस्सा करने लगते हैं.
अपने लाडले को समझदार बनाने के लिए उनसे दोस्ताना व्यवहार रखें.

Best Parenting Tips: हर एक माता पिता के लिए बच्चों का पालन पोषण उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. यह काम कोई आसान नहीं होता है. क्योंकि टीनएजर बच्चों को संभालना कोई खेल नहीं है. दरअसल, हमारे नटखट और प्यारे बच्चे अचानक से अजीबोगरीब लगने लगते हैं. धीरे-धीरे उनका एटिट्यूड बदलने लगता और बड़ों का मजाक उड़ाना, उनका निरादर करने जैसी आदतें उनके स्वाभाव में शामिल हो जाती हैं. ऐसे में पैरेंट्स जबतक कुछ समझ पाते वे बात-बात पर बहस और ग़ुस्सा करने लगते हैं. हालांकि, उम्र बढ़ते बच्चों को डांट-फटकार कर चुप करने के बजाय बेहतर समझारी दिखाना बेहतर ऑप्शन है. क्योंकि यौवनावस्था में कदम रखते ही बच्चे बागी होने लगते हैं. आइए जानतें हैं इन बच्चों को कैसे संभाला जा सकता है.

पैरेंट्स टीनएजर बच्चों को समझें

पेरेंटिंग वेबसाइट parentingforbrain के मुताबिक, बागी होते बच्चों को डांटने-फटकारने के बजाय समझारी दिखाना बेहतर ऑप्शन होगा. दरअसल, टीनएजर बच्चे का गलत बर्ताव आपको तकलीफ दे सकता है. लेकिन उनके गुस्से को अपने गुस्से से हैंडल करना समझदारी नहीं है. ऐसे में आपको अपको शांतकर उनके गुस्से को तार्किक ढंग से समझने की कोशिश करना होगा. क्योंकि यह वो वक्त होता है जब बच्चों में शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं. ऐसे में बेशक आपको बच्चों का हमेशा गुस्सा रहना पसंद न हो, लेकिन अभी इस बात की जरूरत है कि आप धैर्य रखें और उन्हें समझने की कोशिश करें.

बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखें

टीनएजर बच्चे भले ही अपना खुद का व्यक्तित्व विकसित कर रहे हों, पर कहीं न कहीं सीखते आपसे ही हैं. ऐसे में हमेशा उनके साथ संयमित और दोस्ताना व्यवहार रखें. यदि आप उन्हें बात-बात पर चिल्लाएंगे तो हो सकता है कि वे आपको पलटकर जवाब दे दें. इस तरह का आपका उग्र व्यवहार उन्हें हिंसक बना सकता है. ऐसे में यदि आप उनसे दोस्ताना व्यवहार रखेंगे तो बच्चों के क्रोध में उन्हें पास बिठाकर शांत करा सकेंगे. जब बच्चे पैरेंट्स के साथ लॉजिकल बातें करते हैं तब उनका सामाजिक विकास भी होता है. इससे वे दूसरों की बातों और नज़रिए का भी सम्मान करना भी सीखते हैं.

बच्चों को हमेशा छूट देने से बचें

पैरेंट्स को टीनएजर बच्चों में आने वाले बदलावों पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है. दरअसल, कुछ पैरेंट्स किशोरावस्था में बच्चों में आनेवाले बदलावों को सामान्य मानकर उनकी ओर ध्यान ही नहीं देते हैं. और वे उन्हें उनकी समस्याओं से जूझने, उन समस्याओं से बाहर निकलने के लिए उन्हें अकेला छोड़ देते हैं. लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है, क्योंकि आपके ऐसा करने से वे गलत राह पर जा सकते हैं. ऐसे में उनके लिए कुछ नियम बनाएं और ये सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे उन नियमों का पालन करें. ताकि, बच्चा समझदार बने.

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बच्चों की संगत पर फोकस रखें

एक समझदार पैरेंट्स होने के नाते हमें इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि आपका टीनएजर बच्चा किन दोस्तों के साथ रहता है. क्योंकि बच्चों की बिगड़ने की उम्र यही होती है. ऐसे में आपको समय-समय पर उनके दोस्तों को घर बुलाएं. बाहर भी उनसे मिलें. उनके पैरेंट्स से भी बात करें. उनके स्कूल और कोचिंग के टीचर्स से मिलते रहें. ऐसा करने से आप बच्चों को किसी संगत में पड़ने से बचा सकते हैं.

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असफलता में उनका मनोबल न गिराएं

यदि आपका लाडला किसी काम में असफल हो जाए या किसी बात पर दुखी हो तो उन्हें लेक्चर देने से बचना चाहिए. क्योंकि इसका पश्चातावा बच्चों को भी होता है. यदि आप उनको डांटेंगे तो उन्हें लगेगा कि मम्मी-पापा मेरी भावनाओं को समझने ही नहीं हैं. ऐसे में उनका हौसला बढ़ाएं, हिम्मत दें और अगली बार सफल होने की बात कहें. ऐसा करने से आपका बागी बच्चा धीरे-धीरे समझदार होगा और लक्ष्य भी हासिल करेगा.

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Tags: Lifestyle, Parenting, Parenting tips



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