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Tips To Get Rid of Humidity: उत्तर भारत में मानसून ने दस्तक दे दी है. अगले कुछ सप्ताह में बारिश का दौर शुरू हो सकता है. हाल ही में दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में बारिश देखने को मिली है. बारिश हो जाए तो लोगों को गर्मी से राहत मिलती है, लेकिन इससे ह्यूमिडिटी की समस्या बढ़ जाती है. ह्यूमिडिटी से लोगों को अत्यधिक पसीना, चिपचिपाहट और असहजता का अनुभव होता है. ह्यूमिडिटी न केवल शारीरिक असुविधा का कारण बनती है, बल्कि घर में फफूंद, बदबू और सामान के खराब होने की समस्या भी पैदा करती है. ह्यूमिडिटी का स्तर 60% से अधिक होने पर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे त्वचा में जलन, एलर्जी और सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती हैं. अगर आप भी ह्यूमिडिटी से परेशान हैं, तो इससे छुटकारा पाने के तरीके जान लीजिए.
डीह्यूमिडिफायर एक ऐसी डिवाइस है, जो हवा से एक्स्ट्रा नमी को सोख लेता है. यह उन जगहों पर ज्यादा फायदेमंद होता है, जहां ह्यूमिडिटी का स्तर बहुत ज्यादा होता है. बाजार में कई तरह के डीह्यूमिडिफायर उपलब्ध हैं, जो आपके घर के आकार और जरूरतों के अनुसार चुने जा सकते हैं. इसे बेडरूम, लिविंग रूम या उन जगहों पर रखें, जहां पर नमी की समस्या बहुत ज्यादा है. डीह्यूमिडिफायर न केवल हवा को शुष्क रखता है, बल्कि फफूंद और बैक्टीरिया के विकास को भी रोकता है. यह आपके घर के फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामान को भी सुरक्षित रखता है.
ह्यूमिडिटी के कारण कपड़े, बिस्तर और कालीन में नमी जमा हो सकती है, जिससे बदबू और फफूंद की समस्या होती है. कपड़ों को पूरी तरह सुखाने के बाद ही अलमारी में रखें. गीले कपड़ों को घर के अंदर सुखाने से बचें, क्योंकि इससे नमी और बढ़ती है. घर की नियमित सफाई करें और फर्श को सूखा रखें. बाथरूम और किचन जैसे नम क्षेत्रों को विशेष ध्यान दें. सिरके या बेकिंग सोडा के घोल से सतहों को साफ करने से फफूंद को रोकने में मदद मिलती है. कुछ इनडोर पौधे हवा से नमी को कम करने में मदद करते हैं. पीस लिली, फर्न, और पाम जैसे पौधे न केवल हवा को शुद्ध करते हैं, बल्कि नमी को भी नियंत्रित करते हैं. इन्हें घर के उन हिस्सों में रखें जहां ह्यूमिडिटी ज्यादा है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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