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बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2012 के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई बिना किसी गलत मंशा के लड़की के सिर और पीठ पर हाथ फेरता है तो उसे लज्जा भंग करना नहीं माना जाएगा।
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2012 के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई बिना किसी गलत मंशा के लड़की के सिर और पीठ पर हाथ फेरता है तो उसे लज्जा भंग करना नहीं माना जाएगा।
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