Friday, May 16, 2025
Google search engine
HomeLife Styleबिना नाम की है यह दुकान, फिर भी स्वाद ऐसा की हर...

बिना नाम की है यह दुकान, फिर भी स्वाद ऐसा की हर दिन बेचते हैं 400 पीस लिट्टी


धीरज कुमार/मधेपुरा. लिट्टी बिहार के प्रमुख व्यंजनों में से एक है. कहीं आपको गोयठा या कोयला पर सेंकी हुई लिट्टी खाने को मिल जाएगी, कहींकराही में छांक कर परोसा जाता है.मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित एसडीएम ऑफिस के सामने दीपक राय 12 सालों से लिट्टी बेच रहे हैं. इनकी दुकान पर सुबह से लेकर शाम तक लोग गरमा-गर्म लिट्टी खाने आते हैं.

साथ में आलू-छोला की सब्जी और धनिया की चटनी भी खाने को देते हैं. इनके यहां की लिट्टी की खास बात यह है कि लोग खाते वक्त पानी नहीं पीते हैं. क्योंकि लिट्टी का स्वाद ही कुछ ऐसा होता है की लोग देखते ही खाने को टूट पड़ते हैं. दुकान का कोई नाम नहीं है, बस दीपक की लिट्टी ही काफी है.

12 रुपए में दो पीस लिट्टी
दीपक 12 रुपए में दो पीस लिट्टी खिलाते हैं. साथ में आलू और छोला की सब्जी और चटनी देते हैं. जिसे खाने के लिए मधेपुरा समेत आसपास इलाके के लोग भी हर रोज आते हैं. जबकि कई लोग पैक कराकर अपने घर भी ले जाते हैं.

दुकान पर लिट्टी सुबह 8 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक मिलती है. दीपक ने बताया कि पहले उनके पिताजी दुकान चलाते थे. पिताजी के समय से ही उनकी दुकान की लिट्टी फेमस है. वे बताते हैं कि पिता के देहांत के बाद उन्होंने इस व्यवसाय को संभाला. लेकिन, टेस्ट आज भी वही है. इसके साथ ही शाम को वे भूंजा भी बेचते हैं. जिससे अच्छी कमाई हो जाती है.

प्रतिदिन 400 पीस लिट्टी की बिक्री
दीपक की लिट्टी पूरे शहर में फेमस है. यही कारण है की हर वर्ग का लोग उनकी लिट्टी खाने आते हैं. उन्होंने बताया कि हर लगभग 400 पीस लिट्टी बेच लेते हैं. उन्होंने बताया कि उनका कुछ सिक्रेट मसाला है, जिसका इस्तेमाल लिट्टी बनाने में करते हैं. इसके साथ ही नाश्ते का अन्य आइटम जैसे भूंजा और चना भी बेचते हैं.

Tags: Bihar News, Food 18, Local18, Madhepura news



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments