[ad_1]
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: पूर्वांचल की मशहूर लिट्टी चोखा का स्वाद शाहजहांपुर के लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. मुख्य तौर पर बिहार का व्यंजन कहा जाने वाला लिट्टी चोखा (यूपी में बाटी चोखा) अब शाहजहांपुर में भी लोगों को चखने को मिल रहा है. पूर्वांचल की मशहूर लिट्टी चोखा को खाने के लिए दूर-दूर से ग्राहक यहां आते हैं. मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले रामू और पवन नाम के दो युवा एक साल पहले शाहजहांपुर आए और यहां पूर्वांचल की लिट्टी चोखा बेचने का काम शुरू किया.
रामू का कहना है कि उनके साथ के कुछ लोग शाहजहांपुर के पड़ोसी जिले बरेली में लिट्टी चोखा बेचने का काम करते थे. इसके बाद उन्होंने महसूस किया कि शाहजहांपुर में भी लोग लिट्टी चोखा को पसंद करेंगे. रामू कहते हैं कि 1 साल पहले उन्होंने छोटा हाथी (माल वाहक मैजिक) खरीदा और उसमें ही लिट्टी चोखा की पूरी दुकान बना डाली. अब रामू और उसका साथी पवन दोनों ही शाहजहांपुर के सुभाष चौक पर अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं और उनकी गाड़ी आते ही लिट्टी चोखा का स्वाद लेने वाले ग्राहकों का आना शुरू हो जाता हैं.
खास तरीके से बनाई जाती है लिट्टी चोखा
रामू का कहना है कि वह लिट्टी चोखा बेहद खास तरीके से तैयार करते हैं. लिट्टी में गेंहू के आटे के साथ चने का सत्तू, खड़ा मसाला और अजवाइन मिलाते हैं. इसके चलते लिट्टी बेहद स्वाद बनती है. लिट्टी के साथ परोसा जाने वाला चोखा को आलू, बैंगन, धनिया, लहसुन, अदरक और टमाटर से तैयार किया जाता है. चोखा में खड़े मसाले को खुद पीसकर मिलाया जाता है. जिसकी वजह से स्वाद में चार चांद लग जाते हैं. लिट्टी चोखा के साथ दी जाने वाली चटनी भी बेहद स्वादिष्ट होती है. चटनी में अदरक, लहसुन, हरी मिर्च और सरसों का तेल मिलाकर उसे तैयार किया जाता है.
दूर-दूर से आते हैं लिट्टी चोखा का स्वाद लेने
रामू ने बताया कि वह अपनी गाड़ी सुबह 8:00 बजे सुभाष चौक पर लाकर खड़ी कर देते हैं लेकिन इससे पहले लिट्टी चोखा बनाने का काम वह सुबह 6 बजे से ही करना शुरू कर देते हैं. रामू की लिट्टी चोखा वाली गाड़ी सुबह 8 बजे से लेकर शाम करीब 5 बजे तक यहां खड़ी रहती है. रामू ने बताया कि उनकी पूर्वांचल की मशहूर लिट्टी चोखा का स्वाद लेने के लिए करीब 300 से 350 ग्राहक रोजाना यहां आते हैं. इसके साथ-साथ लोग लिट्टी चोखा को पैक करवा कर अपने घर भी ले जाते हैं.
जाने क्या है लिट्टी चोखा का रेट
शाहजहांपुर में मिलने वाली मशहूर पूर्वांचल की मशहूर लिट्टी चोखा 25 रुपये में दो चोखा लिट्टी बेची जाती है. इसके अलावा देसी घी से चुपड़ी हुई लिट्टी 30 रुपये की दो बेची जाती हैं. लिट्टी चोखा बेचने वाले रामू का कहना है कि सबसे ज्यादा लिट्टी चोखा देसी घी वाली ही पसंद की जाती है.लिट्टी चोखा बेचने वाले रामू का कहना है कि उनको रोजाना 15 सौ से 18 सौ रुपए तक की आमदनी हो जाती है. जिससे उनके परिवार का भरण पोषण अच्छे से हो पा रहा है.
शादी पार्टी के लिए भी होती है बुकिंग
चोखा बाटी बेचने वाले रामू का कहना है कि गाड़ी पर लिट्टी चोखा बेचने के अलावा लोग शादी पार्टी के लिए भी उनको एडवांस में बुकिंग देते हैं. बुकिंग मिलने के बाद वह लिट्टी चोखा वाली गाड़ी लेकर पार्टी के बताए हुए स्थान पर जाते हैं और उनके मेहमानों को लिट्टी चोखा खिलाते हैं.
.
FIRST PUBLISHED : October 14, 2023, 09:34 IST
[ad_2]
Source link