पटना:
बिहार के बिहटा रेलवे स्टेशन पर बुधवार को एक व्यक्ति चमत्कारिक ढंग से बच गया, जब वह पटरियों के बीच फंस गया और पटना-लोकमान्य तिलक टर्मिनल (मुंबई) सुपरफास्ट ट्रेन उसके ऊपर से गुजर गई।
पीड़ित की पहचान चंदन कुमार वर्मा के रूप में की गई, जो 2007 से लंबित बिहटा-औरंगाबाद रेलवे परियोजना के लिए पटना-दीन दयाल उपाध्याय मुख्य लाइन पर भारतीय रेलवे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों में से था।
वर्मा को मामूली चोटें गलीं। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे छुट्टी दे दी।
यह घटना उस समय हुई, जब सैकड़ों प्रदर्शनकारी बिहटा रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए और ट्रेन आने पर पटरियों पर जाकर बैठ गए, जबकि कुछ प्रदर्शनकारी भागने लगे।
वर्मा भाग्यशाली नहीं थे, क्योंकि वह ट्रैक के बीच में गिर गए और ट्रेन उनके ऊपर से गुजर गई।
हालांकि, ड्राइवर ने ब्रेक लगाया, लेकिन तब तक इंजन के अलावा 7 से 8 डिब्बे उसके ऊपर से गुजर गए।
बिहटा-औरंगाबाद रेलवे परियोजना की नींव 2007 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रखी थी, लेकिन कई विरोधों के बावजूद तब से यह लंबित है।
बिहटा-औरंगाबाद रेलवे परियोजना समिति के सदस्य राजेंद्र यादव ने कहा, हम बिहटा-औरंगाबाद रेलवे परियोजना समिति के बैनर तले वर्षों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस पर काम आगे नहीं बढ़ा। हमने इस विरोध के लिए रेलवे को पहले से सूचना दी थी, फिर भी ट्रेन आ गई। ट्रैक पर और हमारा एक प्रदर्शनकारी भाई इसकी चपेट में आ गया। यह स्टेशन मास्टर, ड्राइवर और गार्ड की लापरवाही है। हम चाहते हैं उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए ।
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