Patna:
बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है. एक ओर जहां विपक्ष सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में है तो दूसरी ओर सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षक हंगामा करते नजर आ रहे हैं. मंगलवार सुबह राज्यभर से हजारों की तादाद में शिक्षक गर्दनीबाग पहुंचे और प्रदर्शन शुरू कर दिया. वहीं, विधानसभा सत्र के दूसरे दिन नियोजित शिक्षकों ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया है और ऐसे में नियोजित शिक्षकों को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री ने प्रतिक्रिया दी है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार ने कभी यह नहीं कहा था कि हम बिना किसी शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देंगे.
बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान
बावजूद इसके शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं और नौकरी जाने की बात है तो यह साफ कर दूं कि इसको लेकर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. यह फैसला कमेटी का था, सरकार का नहीं. इस पूरे मामले को सरकार देखेगी और इसके बाद शिक्षकों के हित में जो भी उचित होगा, उस पर निर्णय लिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विरोध करने से कुछ नहीं होगा. सरकार उनकी बात को सुनेगी. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस चीज पर अभी निर्णय ही नहीं लिया गया है, उस पर विरोध प्रदर्शन करने का क्या फायदा है. सरकार के अंतिम निर्णय के बाद ही कुछ हो तो सही रहेगा.
बिना शर्त नहीं मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा
आपको बता दें कि नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए आयोजित होने वाले सक्षमता परीक्षा में तीन जिलों का विकल्प निरस्त करते हुए ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान करने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही अनिवार्य स्थानांतरण के लिए विकल्प का प्रावधान समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. वहीं, सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन लिए जाने में कई तरह की दिक्कते हैं क्योंकि अधिकांश नियोजित शिक्षकों को कंप्यूटर की जानकारी नहीं रखते हैं. इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन ऑफलाइन लिया जाना चाहिए.