Home National बिहार-बंगाल नहीं, बल्कि इस राज्य का चुनाव प्रशांत किशोर के लिए था सबसे मुश्किल, PK ने बताया

बिहार-बंगाल नहीं, बल्कि इस राज्य का चुनाव प्रशांत किशोर के लिए था सबसे मुश्किल, PK ने बताया

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बिहार-बंगाल नहीं, बल्कि इस राज्य का चुनाव प्रशांत किशोर के लिए था सबसे मुश्किल, PK ने बताया

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पूर्व चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर (PK) ने पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब समेत कई राज्यों के चुनावों में विभिन्न दलों और उनके नेताओं के लिए रणनीति बनाई है। ज्यादातर जगह प्रशांत किशोर को सफलता भी मिली और वे जिस भी नेता व दल के लिए रणनीति बना रहे थे, उसकी बंपर जीत हुई। लेकिन क्या आपको पता है कि लगभग दस सालों तक चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर के लिए सबसे कठिन काम किस राज्य में चुनाव जितवाना था? दरअसल, वह राज्य पंजाब था और 2017 के विधानसभा चुनाव थे। प्रशांत किशोर ने खुद इस रहस्य से पर्दा उठाया है कि साल 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव उनके लिए सबसे मुश्किलभरा था।

‘इंडिया टीवी’ के ‘आप की अदालत’ शो में दिए गए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरे जीवन का सबसे कठिन चुनाव पंजाब विधानसभा (2017) का था। उस समय आम आदमी पार्टी की पंजाब में काफी बड़ी हवा थी। जो नतीजे पांच साल बाद (2022) दिखाई दिए, उससे बड़ा रिजल्ट 2017 में आम आदमी पार्टी को मिलने वाला था, लेकिन वह अच्छा कैंपेन रहा और हम लोग (कांग्रेस) चुनाव जीते।

प्रशांत किशोर ने आगे बताया कि 2015 में दो दलों ने बीजेपी को हराया था। एक दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने और दूसरा बिहार में महागठबंधन बनाकर हम लोगों ने जीता था। इसके बाद सोशल मीडिया पर दोनों के वॉलेंटियर्स की ओर से चर्चाएं चलने लगीं कि मोदी-शाह को हराया है, हम लोगों (आम आदमी पार्टी) को हराकर दिखाओ तो जानें। यह सब हमारे वॉलेंटियर्स द्वारा शुरू किया गया था और फिर बातचीत में तय हुआ कि इन्हें (आप) भी हराकर देख लिया जाए। इसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को अच्छे से हराया और कांग्रेस को सबसे बड़ी जीत पंजाब में 77 सीटों के साथ मिली। 

वहीं, जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि क्या पंजाब चुनाव के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह को सुबह जल्दी उठाना मुश्किल था? इस पर पीके ने कहा कि अमरिंदर सिंह सुबह 11 बजे दिन शुरू करते हैं तो उसी तरह पूरा कैंपेन डिजाइन किया गया और चुनाव लड़ा गया। बता दें कि साल 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने पंजाब में कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई थी। कुल 117 सीटों वाले पंजाब में कांग्रेस की 77 सीटों के साथ बंपर जीत हुई थी, जबकि आम आदमी पार्टी को 20 सीटें मिली थीं। वहीं, अकाली दल और बीजेपी को तीन और अकाली दल को 15 सीटों पर जीत मिली।

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