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बिहार बोर्ड ने नौवीं के छात्रों को भी यूनिक आईडी नंबर दिया है। इसमें उनका पूरा ब्योरा होगा। इससे न केवल फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाएंगे, बल्कि उम्र कम करके मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले भी धरे जाएंगे। नौवीं वार्षिक परीक्षा में जो छात्र शामिल होंगे, वही मैट्रिक परीक्षा देंगे। अगर कोई छात्र बिना नौवीं कक्षा उत्तीर्ण किए मैट्रिक परीक्षा में शामिल होना चाहेगा तो वह यूनिक आईडी नंबर से पकड़ा जाएगा।
सरकारी स्कूलों में नौवीं कक्षा में नामांकन लिए बगैर मैट्रिक परीक्षा में अब फर्जी रूप से छात्र शामिल नहीं हो पायेंगे। इसके लिए बोर्ड द्वारा नौवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों का डाटा तैयार किया जा रहा है्। डेटा में जो छात्र-छात्राएं शामिल होंगी, उन्हें ही मैट्रिक परीक्षा का फार्म भरने दिया जायेगा। नौवीं वार्षिक परीक्षा 24 फरवरी से शुरू होगा। इसमें राज्यभर से 15.45 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा बिहार बोर्ड द्वारा ली जायेगी। वार्षिक परीक्षा के लिए बोर्ड द्वारा ही प्रश्न पत्र तैयार किया गया है। ओएमआर उत्तर पत्रक भी बोर्ड से ही सभी स्कूलों को भेजा जायेगा। सभी छात्र-छात्राएं मैट्रिक परीक्षा की तरह ही नौवीं वार्षिक परीक्षा देंगे।
बिहार बोड उपस्थित व अनुपस्थित छात्रों का तैयार करेगा डाटा बिहार बोर्ड द्वारा नौवीं वार्षिक परीक्षा में उपस्थित और अनुपस्थित छात्र का डाटा तैयार किया जा रहा है। जो छात्र 9वीं परीक्षा में शामिल नहीं होंगे, वो मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में भी शामिल नहीं होंगे। इसकी जानकारी बोर्ड द्वारा सभी डीईओ के माध्यम से सभी स्कूलों को दे दिया गया है। पहली बार ऐसा होगा जब बोर्ड द्वारा 9वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों की पहचान यूनिक आईडी से करेगा। इससे गलत तरीके से मैट्रिक परीक्षा का फार्म भरने वालों को पकड़ा लिया जाएगा।
बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा, ‘नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों को भी यूनिक आईडी नंबर दिया गया है। ऐसे में जो छात्र 9वीं की वार्षिक परीक्षा में शामिल होंगे, उसका डाटा बोर्ड तैयार करेगा। इससे मैट्रिक परीक्षा फार्म भरते समय बाहरी छात्रों को पकड़ना आसान होगा जो गलत तरीके से फार्म भर कर मैट्रिक परीक्षा में शामिल होंगे।’