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Jharkhand Political Crisis: आम बजट के बाद लोगों की नजरें झारखंड के गवर्नर सीपी राधाकृषणन पर टिकी हुई हैं। इंतजार किया जा रहा है कि चंपई सोरेन को कब राजभवन से सरकार बनाने का न्योता मिलता है। सरकार बनाने कादावा पेश किए हुए 15 घंटे से ज्यादा समय हो चुका है। बता दें कि कल शाम में ही चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल के नेता और संयुक्त गठबंधन के विधायक दल के नेता के रूप में राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। बावजूद इसके राजभवन सरकार गठन के लिए न्योता देने पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने 43 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राजभवन को सौंपी थी।
हेमंत सोरेन ने कल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें जमीन घोटाला मामले में ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। माना जा रहा है कि राजभवन से चंपई सोरेन का सरकार नहीं बनाने का न्योता दिए जाने से राज्य में सियासी खेल हो सकता है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि सियासी उलटफेर और खरीद फरोख्त से बचने के लिए जेएमएम की अगुवाई वाले गठबंधन ने अपने विधायकों को कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना भेजने की रणनीति बनाई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अगर शाम तक राजभवन से सरकार बनाने का न्योता नहीं मिलता है तो 43 में से 35 विधायक आज शाम स्पेशल फ्लाइट से हैदराबाद भेजा जा सकता है।
एक तरफ बिहार में हाल ही में नीतीश कुमार को इस्तीफा देने और घंटेभर के अंदर सरकार बनाने का देवा पेश करने के 15 मिनट के अंदर ही नई सरकार बनाने का न्योता मिल गया, वहीं झारखंड में 15 घंटे से ज्यादा की देरी किए जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि बीजेपी शिबू सोरेन का नाराज सदस्यों की आड़े में कुछ खेल कर सकती है।
इस बीच, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन को बहुमत हासिल नहीं है। दुबे के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनकी बड़ी बहू सीता सोरेन भी चंपई को सीएम बनाने से सहमत नहीं हैं। दुबे ने ये भी दावा किया है कि गवर्नर को सौंपे गए विधायकों के समर्थन पत्र पर जादुई अंक 42 से कम विधायकों के दस्तखत हैं।