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जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार सातवीं बार इस रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। भाजपा के साथ उनकी दोस्ती पक्की हो गई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उनका यह भी कहना है कि पुराने फॉर्मूले पर ही नई सरकार का गठन होगा। नई सरकार में बीजेपी कोटे से दो उमुख्यमंत्री शामिल किया जा सकता है। आपको बता दें कि सुशील मोदी को हटाने के बाद बिहार में बीजेपी ने दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला दिया था।
सूत्रों ने कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख ने 28 जनवरी के लिए अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। नीतीश रविवार को महाराणा जयंती के अवसर पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने वाले थे।
इससे पहले बिहार में जारी सियासी संशय पर सुशील कुमार मोदी ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि राजनीति में कभी भी किसी के लिए दवाजे सदा के लिए बंद नहीं होता है। जरूरत पड़ने पर इसे खोला जाता है।
बिहार में लोकसभा के ही साथ होंगे विधानसभा चुनाव? सस्पेंस जारी
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने की नीतीश कुमार की शर्त पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और आरजेडी से भी यही मांग की थी। हालांकि, उन्होंने जेडीयू की शर्त को मानने से इनकार कर दिया था। भाजपा का इस मामले पर क्या स्टैंड होगा, सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
राजनीति में हमेशा के लिए बंद नहीं होते हैं दरवाजे: सुशील मोदी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दिल्ली से पटना रवाना होने से पूर्व कहा, ”राजनीति में दरवाजे परमानेंट बंद नहीं होते, अगर दरवाजा बंद है तो खुल भी सकता है। राजनीति संभावनाओं का खेल है, कुछ भी हो सकता है।”
सुशील मोदी को बनाया जा सकता है डिप्टी सीएम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में अगर नई सरकार बनती है तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, आरजेडी जेडीयू के गठबंधन से पहले जितने भी मंत्रालय भाजपा के कोटे में थे उन्हें भगवा खेमे को फिर से दी जा ससकती है। इस बीच खबर यह भी है कि जेडीयू ने अपने सभी विधायकों को पटना बुला लिया है।