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बिहार में बीपीएससी से नवनियुक्त शिक्षकों का 13 से 18 नवंबर तक प्रशिक्षण चलेगा। इसके पहले सभी शिक्षकों से शपथ पत्र भरवाया जाएगा कि उनकी नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा से ली गयी है। इसके अलावा औपबंधिक नियुक्ति पत्र और काउंसिलिंग की पूरी रिपोर्ट भी शिक्षकों से ली जाएगी। शिक्षकों को किसी तरह की दिक्कतें ना हो, इसके लिए दीपावली से छठ तक की छुट्टी में स्कूल खोल कर रखने का आदेश पटना जिलाधिकारी ने दिया है। प्रशिक्षण में शिक्षकों को विद्यालय में चल रहे तमाम गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। इसमें पाठ टीका, पाठ योजना, वर्ग संचालन, तमाम तरह की छात्रवृत्ति, लेखा संधारण, मध्याह्न भोजन योजना आदि शामिल है। इस कारण प्रशिक्षण में सभी बीडीओ, सीओ, बीडब्ल्यूओ, राजस्व पदाधिकारी आदि शामिल होंगे।
दो सत्रों में प्रशिक्षण नवनियुक्ति शिक्षकों से शपथपत्र भरवाने के बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी। प्रशिक्षण दो सत्रों में चलेगा। पहला सुबह 9.30 से 12.30 बजे तक और दूसरा 1.30 से चार बजे तक। इस दौरान जिले के सभी नवनियुक्ति शिक्षकों को तमाम योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा।
किसी संघ का हिस्सा न बनें नए शिक्षक
शिक्षा विभाग ने कहा है कि बीपीएससी से चयनित शिक्षकों ने कक्षा में पढ़ाना भी शुरू नहीं किया है, न ही किसी ने एक कक्षा भी ली है, लेकिन संघ पहले ही बना लिया। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। विभाग ने सख्त हिदायत दी है कि बीपीएससी से चयनित शिक्षक किसी प्रकार संघ का हिस्सा बनें। विभाग ने ऐसे किसी भी संघ को अमान्य करार दिया है।
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नियमावली का दिया हवाला शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 की धारा 17 के आचरण संहिता की कंडिका 7 की ओर बीपीएससी से नवनियुक्त शिक्षकों का ध्यान दिलाया है। इस आचरण संहिता के तहत सभी विद्यालय अध्यापकों पर बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 लागू होती है। स्पष्ट है कि सरकारी सेवक संगठन नहीं बनाएंगे और न आंदोलन या प्रदर्शन करेंगे।