Thursday, April 24, 2025
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बीजेपी से साइडलाइन चल रहे वरुण गांधी का क्या होगा भविष्य? ‘घर वापसी’ या तलाशेंगे कोई नया विकल्प


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Varun Gandhi News: बीजेपी से लंबे समय से साइडलाइन चल रहे यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के सियासी भविष्य की चर्चाएं जोर-शोर से हो रही हैं। पिछले कुछ सालों में वरुण गांधी ने भाषणों, पत्रों, अखबार में लेखों के जरिए से अपनी ही सरकार और उसकी योजनाओं पर हमला बोला है। बेरोजगारी, अग्निवीर, लखीमपुर खीरी कांड समेत कई मुद्दों पर वे खुलकर बोलते रहे हैं, जिसकी वजह से विपक्षी दलों के आंखों के तारे बन गए, जबकि अपनी ही पार्टी की आंखों में खटकने लगे। अब जब साल 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है, तो सियासी गलियारों में सवाल खड़े हो रहे हैं कि वरुण किस दल का दामन थामेंगे? बीजेपी सरकार की आलोचना की वजह से इस बात की संभावना काफी कम बची हुई कि पार्टी उन्हें अगले लोकसभा चुनाव में टिकट देगी। ऐसे में राजनीतिक एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि वे जल्द ही कोई दूसरा विकल्प भी तलाश सकते हैं। 

वरुण के कांग्रेस में जाने की कितनी संभावनाएं?

वरुण गांधी का कांग्रेस से पुराना नाता है। वह देश की उस सबसे बड़ी सियासी फैमिली का हिस्सा हैं, जिसने दशकों तक भारत की सत्ता पर राज किया। कई प्रधानमंत्री भी देश को दिए। ऐसे में वरुण की जब बीजेपी से मोहभंग वाली स्थिति आ गई है तो उनकी घर वापसी के भी कयास लगाए जा रहे हैं। बीजेपी में होने के बाद भी वरुण सीधे तौर पर चचेरे भाई राहुल गांधी पर हमला बोलने से बचते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, वरुण की चचेरी बहन प्रियंका गांधी के साथ बातचीत भी होती रहती है और हाल के दिनों में यह बात राजनीति को लेकर भी होने लगी है। पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने भले ही दोनों नेताओं की विचारधारा अलग-अलग होने की बात कहकर वरुण की एंट्री पर लगभग रोक लगा दी हो, लेकिन राजनीतिक एक्सपर्ट्स को अब भी उम्मीद है कि कांग्रेस में वरुण के सभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं। वर्तमान समय में राहुल सिर्फ एक सांसद हैं, जबकि पार्टी की कमान मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथों में है। ऐसे में यदि गांधी परिवार और अन्य नेताओं की वरुण गांधी को हरी झंडी मिलती है तो कांग्रेस में उनकी वापसी हो सकती है। 

वरुण के पास सपा का ऑप्शन भी 

यूपी की सियासत में वरुण की पहचान एक फायरब्रांड नेता की है। तीन बार से लोकसभा सांसद वरुण के पास एक विकल्प के तौर पर समाजवादी पार्टी भी है। वरुण के लिए सपा का आरएलडी के साथ गठबंधन होने की वजह से यह दल फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, जिस पीलीभीत से वरुण सांसद हैं, वहां पर बड़ी संख्या में किसान मतदाता है। वरुण की सियासत भी किसानों के इर्द-गिर्द ही रही है। वह गन्ना किसानों के समर्थन में खड़े रहे हैं, जबकि लखीमपुर में पिछले साल हुए थार कांड में भी वरुण खुलकर किसानों के साथ थे। ऐसे में यदि वरुण कांग्रेस में नहीं जाते हैं, तो उनके पास सबसे बड़ा विकल्प सपा हो सकती है। सपा महासचिव शिवपाल यादव ने हाल ही में वरुण से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए बड़ा संकेत भी दिया था। जब वरुण को लेकर उनसे सवाल किया गया तो शिवपाल ने कहा कि बीजेपी को हराने वाले नेता का सपा में स्वागत है। इससे साफ संकेत है कि समाजवादी पार्टी भी वरुण को लेकर सकारात्मक है और यदि मौका मिलता है तो पार्टी ज्वाइन करवाने से भी पीछे नहीं हटेगी।

क्या तीसरे बड़े विकल्प पर विचार कर रहे वरुण?

कांग्रेस, सपा पर चल रहीं चर्चाओं के बीच हाल में सामने आया कि वरुण गांधी तीसरे विकल्प पर भी ध्यान दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, वरुण गांधी अगले लोकसभा चुनाव में किसी एक दल में शामिल नहीं होना चाहते, बल्कि वे पीलीभीत से ही संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बनना चाहते हैं। उनकी बातचीत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरएलडी चीफ जयंत चौधरी से होती रही है। वहीं, कांग्रेस में वे अपनी चचेरी बहन प्रियंका गांधी से संपर्क में हैं। इसके अलावा, सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला है कि वरुण और उनकी मां मेनका गांधी नई पार्टी भी बना सकती हैं। हालांकि, अभी दोनों नेता ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं। ऐसे में अभी वरुण के सियासी भविष्य पर स्थिति साफ होने में कुछ समय जरूर लग सकता है।



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