बीपीएससी 67वीं प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पटना हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की एकलपीठ ने दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई पूरी कर अर्जी खारिज कर दिया। आवेदकों की ओर से वरीय अधिवक्ता यदुवंश गिरी ने कोर्ट को बताया कि 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में कई प्रश्नों के मॉडल उत्तरों में गलती है। इस कारण छात्रों का चयन नहीं हो सका है। उनका कहना था कि इस परीक्षा में लगभग दस ऐसे प्रश्न हैं, जिनके मॉडल उत्तरों में गलतियां हैं। कई मेधावी छात्र इससे प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने पीटी रिजल्ट को रद्द कर सही उत्तरों के आधार पर नए सिरे से संशोधित रिजल्ट घोषित करने की मांग कोर्ट से की ताकि योग्य उम्मीदवारों को आगे की परीक्षा में मौका मिल सके। कोर्ट ने आवेदकों की ओर से दी गई दलील को नामंजूर करते हुए अर्जी को खारिज कर दिया।
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इसके अलावा आयोग ने 67वीं मुख्य परीक्षा की मूल्यांकन पद्धति में बदलाव करने की घोषणा की है। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि अब एक प्रश्न के उत्तर को एक ही शिक्षक से मूल्यांकित कराया जाएगा ताकि सही उत्तर लिखने पर अंकों में ज्यादा अंतर नहीं हो सके। अब एक राउंड में 10 शिक्षकों को बैठाकर टेबुल पर कॉपियां दी जाएंगी। एक विषय के विशेषज्ञ शिक्षक एक ही प्रश्न के उत्तर को जांचेंगे। दूसरे प्रश्नों के उत्तर दूसरे विषय के विशेषज्ञ शिक्षक देखेंगे। अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि एक प्रश्न के उत्तर को एक शिक्षक देखेंगे तो ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। अभ्यार्थियों को भी किसी तरह की समस्या नहीं होगी। मूल्यांकित कॉपियों पर अभ्यर्थी सवाल नहीं उठा सकेंगे। इस बदलाव के बाद मॉडरेशन की समस्या समाप्त हो जाएगी।