Thursday, November 7, 2024
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बीपी के साथ बैड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ा हुआ है तो हार्ट अटैक का खतरा कई गुना ज्यादा-रिसर्च


हाइलाइट्स

दुनिया भर में करीब 1.28 अरब लोगों का बीपी बढ़ा हुआ है
जिनका ब्लड प्रेशर 140/90 है, उन्हें हाई बीपी या हाइपरटेंशन है

Heart attack risk: गलत लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से आज अधिकांश लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रहता है. बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट, ब्रेन, किडनी और अन्य तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में करीब 1.28 अरब लोगों का बीपी बढ़ा हुआ है लेकिन दुर्भाग्य से इनमें से 46 प्रतिशत को पता भी नहीं है कि उन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी है. करीब 70 करोड़ लोग बीपी का इलाज भी नहीं कराते हैं. यही वजह है कि हाई बीपी के साथ शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ जाता है. अब एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जिसे हाई बीपी के साथ बैड कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ा हुआ है उसमें हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

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लाइपोप्रोटीन से है बहुत दिक्कत
एएनआई न्यूज के मुताबिक अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक अध्ययन में पाया गया कि जिसे हाइपरटेंशन या हाई बीपी है और उसमें लाइपोप्रोटीन का लेवल भी बढ़ा हुआ तो उसमें हार्ट डिजीज का जोखिम 18 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. लाइपोप्रोटीन एक प्रकार का बैड कोलेस्ट्रॉल है जो हार्ट की ओर जाने वाली धमनियों में जमा होने लगता है जिससे हार्ट की ओर खून कम पहुंचता है. इससे हार्ट को पंप करने में परेशानी होती है. हालांकि अध्ययन में यह भी कहा गया कि जिसे हाई बीपी नहीं है और यदि उसका लाइपोप्रोटीन बढ़ा हुआ है तो उसे यह खतरा नहीं है.

हमेशा हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम
दरअसल, हाई बीपी का मतलब ही है कि कई तरह की दिल से संबंधित दिक्कतें हो जाना. इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता नोर्थ कैरोलिना में फॉरेस्ट बेप्टिस्ट मेडिकल सेंटर में विशेषज्ञ ऋषि रिखि ने बताया कि लाइपोप्रोटीन आनुवांशिक रूप से बैड कोलेस्ट्रॉल है. यानी जिसके निकटतम परिवार में पहले से बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उसमें लाइपोप्रोटीन की मात्रा बढ़ने का हमेशा जोखिम रहता है. उन्होंने कहा, “हमने अपने अध्ययन में पाया है कि हाइपरटेंशन वाले व्यक्ति जिन्हें पहले कभी भी हार्ट अटैक या स्ट्रोक का सामना न करना पड़ा है, अगर उसमें लाइपोप्रोटीन का लेवल बढ़ा हुआ है तो निकट भविष्य में उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ” ऋषि रिखि ने कहा कि लाइपोप्रोटीन को कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के लिए जाना जाता है. अध्ययन में उपर वाला बीपी 140 और नीचे वाला 90 बीपी को हाइपरटेंशन माना गया. यानी जिनका ब्लड प्रेशर 140/90 है, उन्हें हाई बीपी या हाइपरटेंशन है. इससे पहले के अध्ययन में भी पाया गया था कि अगर हाइपरटेंशन के साथ लिपिड प्रोफाइल में गड़बड़ी आती है तो दिल से संबंधित दिक्कतें बढ़ जाती है.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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