Home Health बीमारियों के लिए यमराज से कम नहीं ये पेड़! पत्ती, जड़, छाल और दूध.. सभी में छुपे हैं गुण, दर्द से देता आराम

बीमारियों के लिए यमराज से कम नहीं ये पेड़! पत्ती, जड़, छाल और दूध.. सभी में छुपे हैं गुण, दर्द से देता आराम

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बीमारियों के लिए यमराज से कम नहीं ये पेड़! पत्ती, जड़, छाल और दूध.. सभी में छुपे हैं गुण, दर्द से देता आराम

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पुराने समय में इस पेड़ के पत्ते, जड़ें, छाल और दूध (लेटेक्स) का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता था. बरगद का पेड़ आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में उपयोगी है.

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बरगद

बरगद का पेड़ हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है.

हाइलाइट्स

  • बरगद का पेड़ आयुर्वेद में उपयोगी है.
  • दांत और जोड़ों के दर्द में बरगद का दूध लाभकारी है.
  • बरगद का पेड़ हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है.

जयपुर:- प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो मानव शरीर और हिन्दू धर्म, दोनों में बहुत उपयोगी हैं. कुछ पौधे का उपयोग पुराने समय में दवाईयों की तरह भी किया जाता था. ऐसा ही एक पौधा है बरगद, यह आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में बहुत अधिक उपयोगी है. 75 वर्षीय दादी मदनी देवी ने लोकल 18 को बताया कि पुराने समय में इस पेड़ के पत्ते, जड़ें, छाल और दूध (लेटेक्स) का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता था.

दांत और जोड़ों के दर्द से देता आराम
उन्होंने बताया कि पुराने समय में जब दवाइयां कम मिलती थी, तो इस पौधे के उपयोग से कई बीमारियों का इलाज किया जाता था. जब किसी के दांत दर्द में दर्द होता था, तो बरगद के दूध (लेटेक्स) को रुई में लगाकर दर्द वाले दांत पर रखा जाता था, जिससे दर्द में आराम मिलता था.

अभी भी आयुर्वेदिक डॉक्टर दांत दर्द के इलाज में इस पद्धति को अपनाने की सलाह देते हैं. इसके अलावा दाद, खुजली और घाव भरने के लिए बरगद के पत्तों का रस या पेस्ट लगाया जाता था. वहीं, जोड़ों के दर्द में बरगद के दूध को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश की जाती थी.

आयुर्वेद में बरगद के फायदे
आयुर्वेदिक डॉक्टर पिंटू भारती ने Local 18 को बताया कि बरगद वात और कफ दोष को संतुलित करता है. इसकी छाल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं. इसके अलावा, बरगद के पत्तों का रस डायबिटीज नियंत्रण में भी उपयोगी माना जाता है.

उन्होंने बताया कि बरगद के पत्तों को पीसकर बनाया गया पेस्ट सूजन और जलन कम करने में मदद करता है. बरगद के पत्ते बीमारियों में किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है. इन पत्तों को गर्म करके दर्द वाले स्थान पर बांधने से सूजन कम होती है. इसके अलावा बरगद के पत्तों का रस पीने से पेट के कीड़े मरते हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है.

बरगद के धार्मिक महत्व
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने कहा कि बरगद का पेड़ हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है. इसे ‘अक्षय वृक्ष’ या ‘कल्पवृक्ष’ कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु इस वृक्ष में निवास करते हैं. वट सावित्री व्रत में स्त्रियां इसकी पूजा करके पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. बौद्ध धर्म में भी बरगद का महत्व है, क्योंकि भगवान बुद्ध ने इसी के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था. इसकी शाखाएं अनंतता का प्रतीक मानी जाती हैं, इसलिए इसे धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष स्थान दिया जाता है.

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कई बीमारियों में उपयोगी है इस पेड़ का पत्ता, जड़, छाल.. सभी में छुपे हैं गुण

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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