हाइलाइट्स
रक्षाबंधन की रात रायपुर के मंदिर हासौद इलाके में दो बहनों के साथ हुआ था गैंगरेप
पुलिस ने 24 घंटे के भीतर 10 आरोपियों को पकड़ा जिनमें ASI का बेटा भी था शामिल
रायपुर. राजधानी के मंदिर हासौद इलाके में रक्षाबंधन की रात दो बहनों के साथ गैंगरेप के 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों में से एक आरोपी उसी थाने के सहायक उप निरीक्षक (ASI) का पुत्र था. आरोपियों में बेटे का नाम शामिल होने के बाद पुलिसकर्मी पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई. बेटे की करतूत पर पिता और उनका परिवार सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है. मोहल्ले-पड़ोस और सहकर्मियों के सामने सिर झुकाकर चलने वाले इस शर्मिंदा पुलिसकर्मी ने अब खुद किसी दूसरे थाने में काम करने की गुजारिश अपने वरिष्ठ अधिकारियों से की है.
रायपुर में 31 अगस्त की रात दो बहनों के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी. इस वारदात के बाद असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की रातों की नींद और दिन का चैन उड़ गया. दरअसल आरोपियों में से एक उसका 20 साल का बेटा है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार घटना के दिन 31 अगस्त को ही एएसआई का पुत्र एक अन्य केस में जमानत पर छूटा था. इसके बाद वह घर जाने की बजाए सीधे दोस्तों के साथ चला गया. घटना के अगले दिन जब एएसआई के बेटा घर पर था, तब उसे पकड़ लिया गया. पुलिस ने सभी 10 आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार कर लिया था. उसी दिन राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू दो दिन के लिए छत्तीसगढ़ के दौरे पर थीं. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार पुलिसकर्मी का बेटा इस केस से पहले भी तीन मामलों में जेल जा चुका था. उस पर छेड़छाड़, महिला को धमकाने और एक आर्म्स एक्ट का मामला चल चुका है.
पिता ने खुद बताया- मेरा बेटा घर पर सो रहा है
घटना के अगले दिन एक सितंबर को एएसआई को जैसे ही पता चला कि आरोपियों में उसके बेटे का नाम शामिल है, तो वो तुरंत थाने पहुंचा. एएसआई ने अपने अधिकारियों से कहा कि मेरा बेटा इस केस का आरोपी है, इसलिए उसका थाने में रुकना ठीक नहीं होगा. उसने बताया कि उसका बेटा और दोस्त घर पर सो रहे हैं. उसके बेटे का दोस्त 2018 में चोरी के मामले में अरेस्ट हो चुका था. बेटे की गिरफ्तारी के बाद एएसआई ने एसपी से कहीं दूसरी जगह ट्रांसफर करने की गुहार लगाई. एएसआई ने कहा कि एसपी मेरी स्थिति को लेकर संवेदनशील हैं.
परिवार से दूर रहकर नौकरी तो बेटा बिगड़ा
अपने बेटे की बुरी संगत के बारे में पूछने पर एएसआई ने बताया कि 2014 से 2019 तक उसका ट्रांसफर पास ले जिले में हुआ था. तब उसने परिवार को रायपुर में ही रखा था. बेटा अक्सर शराब पीकर घर आता था जो मुझे खराब लगता था. एएसाआई ने कहा कि मैंने बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन उसने एक नहीं सुनी. इसी वजह से मैंने कई सालों तक उससे बात नहीं की. मैंने उसे रास्ते पर लाने के लिए एक चाय-नाश्ता और कोल्ड ड्रिंक्स की दुकान भी खुलवाकर दी, लेकिन एक ही महीने में उसने काम बंद कर दिया. यही नहीं उसने मुझे बिना बताए ही दुकान बेच भी दी. एएसआई की पत्नी गृहिणी है. उनकी दो बेटियां भी हैं, जो घर पर रहती हैं. एएसआई पिता ने कहा कि घटना के बाद से ही मैं और मेरा परिवार सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं. अब हम उस लड़के से कोई वास्ता नहीं रखना चाहते.
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Tags: Chhattisgarh news, Raipur news
FIRST PUBLISHED : September 15, 2023, 18:59 IST