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आजकल कंसीव करने में मुश्किल होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसा लाइफस्टाइल और ज्यादा उम्र में शादी करने की वजह से होता है। कंसीव ना कर पाने को ज्यादातर लोग इनफर्टिलिटी की समस्या से जोड़ देते हैं। हालांकि, कई बार फर्टिलिटी विंडो के बारे में जानकारी ना होने के कारण भी कंसीव करने में मुश्किल होती है। अगर आपको कंसीव ना कर पाने के पीछे को मेडिकल रीजन नहीं है तो आपको कुछ बातें जाननी चाहिए जैसे किस दिन सेक्स करने पर प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ते हैं और बेबी कैसे कंसीव होता है।
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कैसे कंसीव होता है बेबी
इजेकुलेशन के बाद स्पर्म अपनी जगह बनाने की कोशिश करते हैं। इस दौरान बहुत से स्पर्म तो योनि के अंदर जिंदा रह नहीं पाते हैं। क्योंकि योनि एसिडिक होती है और इम्यून सिस्टम किटाणू समझ कर इनकी जान लेने लगते हैं। हालांकि, कुछ हेल्दी स्पर्म अपनी कोशिश में कामयाब हो जाते हैं। इसी दौरान एग फैलोपियन ट्यूब से नीचे आने लगता है। सेक्स के दौरान महिला को ऑरेगेज्म होने के बाद वजाइना, यूट्रस और सर्विक्स में एक साथ कॉन्ट्रैक्शन होने लगता है। ऐसे में ये स्पर्म्स को आसानी से अंदर धकेलने में मदद करता है। एग नीचे की तरफ आते समय प्रोसेटाग्लैंड्स नाम का केमिकल रिलीज करता है, जो स्पर्म को सही रास्ता दिखाने का काम करते हैं। अंडे की स्तह पर ग्लाइकोप्रोटीन होता है और स्पर्म को बस वहीं अंडे से जोड़ लेना है। जैसे ही स्पर्म अंदर चला जाता है वैसे ही एग अपनी बाहरी परत को सील कर देता है।
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सही दिन बनाएं पति के साथ संबंध
प्रेग्नेंट होने के लिए एग्स का आपके पार्टनर के स्पर्म से फर्टिलाइज होना बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट की मानें तो ओव्यूलेशन से तीन दिन पहले और ओव्यूलेशन के दिन तक फर्टाइल दिन माने जाते हैं। इस समय पर पार्टनर के साथ संबंध बनाने पर प्रेग्नेंसी का चांस बढ़ जाता है। ऐसे में ओव्यूलेशन से करीब 5 दिन पहले या ओव्यूलेशन वाले दिन सेक्स करते हैं तो कंसीव करने का चांस बढ़ जाता है। पीरियड के 12-16 दिन पहले गर्भ ठहरने की संभावना ज्यादा होती है।
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फैलोपियन ट्यूब होना चाहिए सही
प्रेगनेंट होने के लिए महिलाओं का यूटरस और फैलोपियन ट्यूब नॉर्मल होनी चाहिए और ओवरी में एग ठीक तरह से बनना चाहिए। अगर एक महिला के शरीर में ये तीनों चीजें नॉर्मल हैं, तो वो जल्दी कंसीव कर सकती है। वहीं पुरुष का स्पर्म हेल्दी होना भी बहुत जरूरी है।
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