Wednesday, April 16, 2025
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बेहद घातक है यह बीमारी, अगर दिखे यह लक्षण, तो तुरंत कराएं जांच, समय पर इलाज से बच जाएगी जान


विशाल भटनागर/मेरठ: कई ऐसी जन्मजात बीमारियां होती हैं, जिनका अगर समय पर उपचार न किया जाय तो बाद में जानलेवा हो जाती हैं. ऐसी ही एक घातक बीमारी है हीमोफीलिया. अगर इसका समय पर इलाज न किया जाय तो यह बाद में जानलेवा हो जाती है. दरअसल, हीमोफीलिया नामक घातक बीमारी बच्चे के जन्म से ही फैक्टर 8 और 9 की कमी के कारण उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में अगर इसका शुरुआती दौर में ही पता लगाकर ट्रीटमेंट न कराया जाए, तो यह बीमारी समय के साथ गंभीर होती चली जाती है, जो मृत्यु का कारण भी बन सकती है.

लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ. नवरत्न गुप्ता बताते हैं कि बच्चों का जन्म होता है, तो कई प्रकार की उसकी जांच कराई जाती है. जिससे कि उसके अंदर किसी भी प्रकार की कोई बीमारी हो तो उसका ट्रीटमेंट कर दिया जाए. वह बताते हैं कि प्रत्येक 10000 बच्चों में एक ऐसा बच्चा जन्म लेता है. जिसमें हीमोफीलिया नामक गंभीर बीमारी देखने को मिलती है. क्योंकि हमारे शरीर में 13 फैक्टर होते हैं. इनमें से ही फैक्टर 8 और 9 की कमी होने के कारण हीमोफीलिया नामक बीमारी बच्चों के शरीर में उत्पन्न हो जाती है. अगर बचपन में ही बच्चों की इस बीमारी का इलाज शुरू कर दिया जाए, तो फैक्टर के माध्यम से इस कमी को पूरा कर दिया जाता है. जिससे वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है.

यहां है निशुल्क इलाज की सुविधा

डा. नवरत्न गुप्ता बताते हैं कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज को निशुल्क माध्यम से यह फैक्टर उपलब्ध कराए जाते हैं. वर्तमान समय में 70 ऐसे बच्चे मेडिकल कॉलेज में पंजीकृत हैं, जिनका ट्रीटमेंट हीमोफीलिया का चल रहा है. वह कहते हैं कि अगर किसी को भी हीमोफीलिया नामक घातक बीमारी है. तो वह मेडिकल कॉलेज में संपर्क कर सकता है. जिसके बाद उन्हें भी यह फैक्टर उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अगर प्राइवेट तौर पर आप इसका ट्रीटमेंट कराएंगे, तो यह काफी महंगा होता है. क्योंकि एक फैक्टर 8 से 10000 रुपए की रेंज में आता है.

हीमोफीलिया के यह हैं संकेत

एक्सपर्ट के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति के चोट लग जाती है, तो सामान्य तौर पर थोड़ी देर खून बहता है. जब उसका ट्रीटमेंट किया जाता है, तो वह खून बंद हो जाता है. लेकिन जिसको भी हीमोफीलिया नामक बीमारी होती है. उसका रक्त रुकने का नाम नहीं लेता है. कई बार अंदरूनी चोट लगने पर भी देखा जाता है कि ब्लीडिंग हो जाती है. उसमें भी यह रक्त नहीं रुकता. धीरे-धीरे एकत्रित हो जाता है. जो की एक विकराल समस्या बन जाता है. ऐसे में मरीज की जान को भी खतरा उत्पन्न हो जाता है.

भयानक होता है दर्द

लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए मरीज राजन चौधरी ने बताया कि वह हीमोफीलिया के लिए लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बचपन से ही वह इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इसमें जो दर्द होता है, वह काफी खतरनाक होता है. ऐसे में उन्होंने भी अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों को भी इस तरह की कोई समस्या हो वह एक्सपर्ट को जरूर दिखाएं.

बताते चलें कि अगर घर परिवार में किसी को भी कभी हीमोफीलिया नामक बीमारी रही है. तो वह अपने बच्चों की जांच जरूर कराएं. जिससे कि इस घातक बीमारी को समय रहते ही उपचार किया जाता सकता है.

Tags: Health tips, Hindi news, Local18



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